– ई-गर्वनेंस सभी निकायों में।
– सिंगल स्टेट लेवल सॉफ्टवेयर सोल्यूशन देना था।
– सिंगल विंडो सर्विस आमजन को कहीं से भी देने का उद्देश्य था।
– सभी 187 निकायों का वेब पोर्टल तैयार करना था।
– निकायों की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता व विश्वसनीयता बढ़ाना।
– श्रेणी अ के 7 नगरनिगम
– श्रेणी ब की 25 नगर परिषद
– श्रेणी स के 43 नगरीय निकाय
– श्रेणी द के 112 निकायों में काम होना था क्या रही स्थिति
कुल 187 नगरीय निकायों में से 56 निकायों में स्मार्टराज प्रोजेक्ट का कोई काम शुरू नहीं हुआ। जिन 131 निकायों मे काम शुरू हुआ वहां भी कुछ ही मोड्यूल शुरू किए। इससे कई निकायों में कामकाज प्रभावित हुए।
सभी निकायों को अपने स्तर पर स्मार्टराज प्रोजेक्ट के काम पूरे करवाने होंगे। इसमें यू-डी टैक्स वसूली, लीज राशि वसूली भी शामिल है। सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए सॉफ्टवेयर भी निकायों को ही बनाना होगा।
जोधपुर नगर निगम में कई कार्य पारदर्शिता के साथ करने में परेशानी आ रही थी। स्मार्टराज प्रोजेक्ट में केन्द्रीयकृत टेंडर होने से कई काम नहीं हो पा रहे थे। स्थानीय स्तर पर एनआइसी को सैलेरी सहित कई कार्य दिए थे।
स्मार्टराज के तहत होने वाले कई कार्य रुके हुए थे। ये काम निकायों को अब अपने स्तर पर ही करवाने हैं। हमने तो यहां पहले से ही कुछ मोड्यूल पर काम शुरू करवा दिया है।
– सुरेश कुमार ओला, आयुक्त, नगर निगम जोधपुर