वर्ष — बुवाई रकबा
2020-21 — 1.87 लाख
2021-22 — 0.65 लाख
(बुवाई 15 नवम्बर 2021 तक)
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जीरा निर्यात (मात्रा मीट्रिक टन)
वर्ष — मात्रा
2015-16 — 97790
2016-17 — 119000
2017-18 — 143670
2018-19 — 180300
2019-20 — 210000 (अनुमानित)
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जीरे की लागत ही 14-15 हजार प्रति क्ंिवटल से अधिक आती है लेकिन बाजार भाव गत सीजन से ही 12-13 हजार प्रति क्ंिवटल के आसपास चल रहे है। इस बार जीरे की बुवाई का रकबा घटा है। सरकार जीरे का समर्थन मूल्य तय कर खरीद करें व जीरे के निर्यात प्रोत्साहन के लिए प्रयास करें ताकि किसानों को नुकसान से बचाया जा सके ।
ओमप्रकाश विश्नोई, संभाग मंत्री
भारतीय किसान संघ, जोधपुर