scriptबुवाई लक्ष्य 1.85 लाख के मुकाबले केवल 65 हजार हैक्टेयर में ही बुवाई | Sowing target is only 65,000 hectares against 1.85 lakh | Patrika News
जोधपुर

बुवाई लक्ष्य 1.85 लाख के मुकाबले केवल 65 हजार हैक्टेयर में ही बुवाई

– भाव मंदा रहने से जीरे से किसानों का हो रहा मोह भंग- लक्ष्य की केवल 35 प्रतिशत बुवाई- एमएसपी में शामिल करने की मांग

जोधपुरNov 23, 2021 / 11:14 pm

Amit Dave

बुवाई लक्ष्य 1.85 लाख के मुकाबले केवल 65 हजार हैक्टेयर में ही बुवाई

बुवाई लक्ष्य 1.85 लाख के मुकाबले केवल 65 हजार हैक्टेयर में ही बुवाई

जोधपुर।
जिले की शुष्क जलवायु व कम पानी मे उपजने वाली प्रमुख मसाला फ सल के भाव मंदे रहने से किसानों का जीरे की बुवाई के प्रति मोह भंग होने लगा है। कृषि विभाग की ओर से तय लक्ष्य 1.85 लाख हैक्टेयर के मुकाबले अब तक केवल 65 हजार हैक्टेयर में ही जीरे की बुवाई हुई है। जो लक्ष्य व गत वर्ष के बुवाई रकबे का केवल 35 प्रतिशत ही है। जिले के गिरते भूजल से पानी की कमी व बढ़ते खारेपन के प्रति अनुकूल फ सल जीरे की बुवाई के प्रति किसानों के घटते रुझान पर भारतीय किसान संघ की ओर से जीरे की एमएसपी घोषित करने की मांग की जा रही है। जीरे के बुवाई रकबा घटने की आशंका को देखते हुए संगठन की ओर से कृषि मूल्य व लागत आयोग को पत्र लिखकर जीरा को समर्थन मूल्य योजना में शामिल कर जीरे की 18 हजार प्रति क्ंिवटल का समर्थन मूल्य घोषित करने की मांग की गई है।

कम बुवाई चिन्ता का विषय
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार जीरे की बुवाई का अनुकूल समय 15 नवम्बर तक होता है और इस बार नवम्बर के शुरू के ही तापमान कम होने से जीरे की बुवाई के लिए समय अनुकूल था। फि र भी जीरे की इतनी कम बुवाई चिंता का विषय है।
————

जीरा बुवाई रकबा (रकबा हैक्टेयर में)
वर्ष — बुवाई रकबा
2020-21 — 1.87 लाख
2021-22 — 0.65 लाख
(बुवाई 15 नवम्बर 2021 तक)
—-
जीरा निर्यात (मात्रा मीट्रिक टन)
वर्ष — मात्रा
2015-16 — 97790
2016-17 — 119000
2017-18 — 143670
2018-19 — 180300
2019-20 — 210000 (अनुमानित)

जीरे की लागत ही 14-15 हजार प्रति क्ंिवटल से अधिक आती है लेकिन बाजार भाव गत सीजन से ही 12-13 हजार प्रति क्ंिवटल के आसपास चल रहे है। इस बार जीरे की बुवाई का रकबा घटा है। सरकार जीरे का समर्थन मूल्य तय कर खरीद करें व जीरे के निर्यात प्रोत्साहन के लिए प्रयास करें ताकि किसानों को नुकसान से बचाया जा सके ।
ओमप्रकाश विश्नोई, संभाग मंत्री
भारतीय किसान संघ, जोधपुर
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो