प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार बुधवार को विद्यालय अवकाश के समय रातियों की ढाणी से आ रहे एक स्कूली छात्र का आदर्श विद्या मंदिर के सामने पहुंचने पर एक समुदाय विशेष के कुछ अन्य युवकों से झगड़ा हो गया और वे उसे पीटने लगे। मारपीट से बचने के लिए वह छात्र पास ही स्थित आदर्श विद्या मंदिर में घुस गया। लेकिन उससे झगड़ा कर रहे युवक भी उसके पीछे वहां चले गए और मारपीट करने लगे। जब आदर्श विद्या मंदिर के शिक्षकों ने इन्हें छुड़ाने का प्रयास किया, तो वे इनसे भी उलझ गए और बाद में एकबारगी तो शांत हुआ मामला शाम होते-होते पुलिस थाने तक पहुंच गया। जहां बाद में दो पक्षों की ओर से लज्जा भंग करने एवं एक पक्ष की ओर से मारपीट व स्कूल में तोडफ़ोड़ के तीन अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं। थाना प्रभारी सीआई मिट्ठूलाल ने बताया कि कस्बे की छैना पत्नी सत्तार खां ने रिपोर्ट दी कि शिक्षक सत्यनारायण व कुछ लोग उसके बेटे को पकडक़र स्कूल में ले गए और कमरे में बंद कर दिया। जब छुड़ाने गई तो वहां मौजूद शिक्षक ने उसकी लज्जा भंग की। वहीं दूसरी रिपोर्ट में संतोष पत्नी पप्पूराम माली ने बताया कि उसके बेटे से कुछ युवक मारपीट करने लगे। जब वह अपने बेटे को छुड़ाने ं पहुंची, तो वहां मौजूद आरिफ, शरीफ, जावेद व नसरुद्दीन समेत कुछ लोगों ने उससे बदसलूकी की और लज्जा भंग की। वहीं तीसरा मुकदमा आदर्श विद्या मंदिर के प्रधानाचार्य सत्यनारायण वैष्णव ने दर्ज करवाया है। जिसमें बताया कि भोपालगढ़ निवासी जावेद, आरिफ, शरीफ, बरकत, अकरम व नसरुद्दीन समेत करीब 50 अन्य लोग जबरन विद्यालय परिसर में घुस गए और बालकों एवं स्टाफ पर हमला कर दिया। छोटे बालक घबरा गए और इधर-उधर भागने लगे। इन लोगों ने उनके साथ भी मारपीट करते हुए ऑफिस में भी तोडफ़ोड़ की और स्टाफ की गाडिय़ों को भी नुकसान पहुंचाया।
ग्रामीणों की जुटी भीड़
घटना के बाद जब एक पक्ष के लोग शाम को मुकदमा दर्ज करवाने थाने पहुंचे, तो इसकी जानकारी दूसरे पक्ष को लग गई। जिसके बाद समुदाय विशेष के लोग आदर्श विद्या मंदिर के बाहर एकत्रित हो गए और जुलूस के रूप में थाने पहुंचे।ं बड़ी संख्या में ग्रामीणों के थाने पहुंचने की सूचना पर दूसरे पक्ष के भी कुछ लोग और वहां आ गए। थाने के बाहर दोनों पक्षों के काफी लोग एकत्रित हो गए। बाद में उपखंड अधिकारी रामानंद शर्मा, तहसीलदार नानगाराम चौधरी व थाना प्रभारी सीआई मिट्ठूलाल ने दोनों पक्षों से समझाइस की और निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया। तब कहीं जाकर रात करीब 8 बजे सभी लोग अपने अपने घर गए।