— 2020 में लांच होगी स्कीम 1 जनवरी से एमइआइएस के स्थान पर निर्यात उत्पादों पर शुल्कों और करों की छूट (आरओ डीटीइपी) स्कीम स्थान लेगी। सरकार ने यह घोषणा ऐसे समय की है जब भारत से वाणिज्यिक वस्तुओं का एक्सपोर्ट एक साल पहले की तुलना में 6 फ ीसदी से ज्यादा नीचे आ गया है।
— बंदरगाहों पर गुड्स की क्लियरिंग में आएगी तेजी सरकार की ओर से निर्यात के समय बंदरगाहों पर की जाने वाली प्रक्रिया को आसान किया जाएगा। अभी देश के बंदरगाहों पर गुड्स की क्लियरिंग में काफ ी समय लगता है। उदाहरण के लिए अमरीका व चीन के पोर्ट पर गुड्स क्लियरेंस में कुछ घंटे लगते है जबकि भारत में 1 दिन से ज्यादा समय लग जाते है। जोधपुर से जाने वाले कंटनरों को क्लियरेंस में कई दिन लग जाते है।
– केवल प्रिंट व ड्यूटी क्रेडिट स्क्रिप्स अटेस्ट करेंगे अधिकारी नए सिस्टम के तहत एमइआइएस के लिए ई-कॉमर्स मॉड्यूल क्षेत्रीय अधिकारी एमइआइएस एप्लीकेशंस को चेक नहीं करेंगे। इन्हें ऑटोमेटिक तरीके से मंजूरी मिलेगी। डीजीएफटी के अधिकारी केवल प्रिंट और ड्यूटी क्रेडिट स्क्रिप्स (अंश प्रमाण पत्र) अटेस्ट करेंगे। इससे समय व मेहनत की बचत होगी और दावों को तेजी से मंजूरी मिलेगी।
— जोधपुर के निर्यातकों को मिलेगा लाभ यह स्कीम जनवरी से लागू हो जाती है तो देश सहित जोधपुर के निर्यातकों को लाभ मिलेगा। जोधपुर के निर्यातकों को अभी ३-५ फीसदी इन्सेन्टिव मिल रहा है। नई स्कीम में अगर यह बढकर मिलेगा तो फायदा मिलेगा। इससे विश्वव्यापी मंदी का सामना करने में भी मदद मिलेगी।
डॉ भरत दिनेश, अध्यक्ष जोधपुर हैण्डीक्राफ्ट एक्सपोट्र्स एसोसिएशन