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जोधपुर

दस साल बाद चिकित्सा विभाग को मिला पति नम्बर 1

बिलाड़ा . जनसंख्या नियंत्रण को लेकर राज्य एवं केन्द्र भले ही गंभीर हो लेकिन अब तक ‘आधी दुनिया’ ही सरकार के इस कार्यक्रम को सफल बनाने में जुटी नजर आती है।

जोधपुरAug 29, 2019 / 09:40 am

pawan pareek

Ten years later, the medical department got husband number 1

दस साल बाद चिकित्सा विभाग को मिला पति नम्बर 1

बिलाड़ा (जोधपुर). जनसंख्या नियंत्रण को लेकर राज्य एवं केन्द्र भले ही गंभीर हो लेकिन अब तक ‘आधी दुनिया’ ही सरकार के इस कार्यक्रम को सफल बनाने में जुटी नजर आती है।

चिकित्सा विभाग पुरुष नसबंदी (एनएसवी) कराने वालों को ‘पति नम्बर 1’ यानि श्रेष्ठ पति का खिताब देती है लेकिन क्षेत्र में पिछले एक दशक से किसी पुरुष ने यह खिताब प्राप्त करने का प्रयास नहीं किया। पहली बार कस्बे के श्री मरुधर केसरी जैन रेफरल चिकित्सालय में पुरुष नसबंदी हुई है।
चिकित्सालय प्रभारी डॉ. मुकेश शर्मा ने बताया कि पुरुष नसबंदी को लेकर शारीरिक कमजोरी सहित कई तरह की भ्रांतियां हैं, इस वजह से पुरूष नसबंदी से हिचकिचाते हैं।

कस्बे का एक व्यक्ति दो बच्चों के जन्म के बाद बड़े बच्चे की उम्र 5 वर्ष होते देख अपनी नसबंदी करवाने के लिए महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता के साथ पहुंचा और अपना नसबंदी ऑपरेशन करवाया। नसबंदी पश्चात बतौर प्रोत्साहन राशि तीन हजार रुपए का चेक सौंपा, वहीं प्रेरक को भी दो सौ रुपए का चेक दिया गया।
इन्होंने कहा

पुरुष नसबंदी वर्तमान में आधुनिक तरीके से की जाती है। इस पद्धति के दौरान बिना चीरा या टांका लगाए नसबंदी की जाती है। यह पद्धति सबसे सुरक्षित एवं दर्दरहित होती है। नसबंदी के अगले दिन ही व्यक्ति कैसा भी कठिन कार्य कर सकता है।
-डॉ. रविन्द्र सेवर, सर्जन, श्रीमरूधर केसरी राजकीय चिकित्सालय

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