एनजीटी के प्रयास हैं कि शहर प्रदूषण मुक्त हो। इसके लिए सीईटीपी, टेक्सटाइल व स्टील इकाइयों पर सख्ती भी की जा रही है। पर्यावरण को बिना नुकसान पहुंचाए उद्योग चले, इसके लिए सबसे जरूरी अवैध धुलाई पर रोक लगनी चाहिए।
-घनश्याम ओझा, महापौर व पूर्व मैनेजिंग ट्रस्टी, जेपीएनटी
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केन्द्र सरकार को अनुपचारित पानी को उपचारित कर पुन: कार्य लेने योग्य बनाने के काम आने वाले सभी उपकरणों व केमिकल्स पर जीएसटी समाप्त करना चाहिए। नए उपकरणों की खरीद के लिए सब्सिडी देनी चाहिए।
-जीके गर्ग, पूर्व मैनेजिंग ट्रस्टी, जेपीएनटी
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पाली-बालोतरा से धुलाई के लिए आ रहे कपड़े को रोकने के लिए प्रभावी व सख्त उपाय करने की जरूरत है। अवैध इकाइयों व नॉन कन्फर्मिंग क्षेत्रों में चल रही इकाइयों से जोजरी नदी में ज्यादा प्रदूषण फैल रहा है, जिस पर रोक की जरूरत है।
-मनोहरलाल खत्री, उद्यमी व पूर्व कोषाध्यक्ष, जेपीएनटी
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पाली-बालोतरा से प्रतिदिन करीब 200 से ज्यादा गाड़ी कपड़ा जोधपुर धुलाई के लिए आ रहा है। भाण्डू, सालावास व नौ मील सहित कई अनाधिकृत क्षेत्रों में चल रही इकाइयों व रात में चलने वाली इकाइयों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए।
-उमेश लीला, पूर्व मैनेजिंग ट्रस्टी, जेपीएनटी
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अवैध धुलाई वालों के साथ वैध धुलाई करने वाले भी फंस रहे हैं। इससे इंडस्ट्री बर्बाद हो जाएगी। टेक्सटाइल इंडस्ट्री को बचाने के लिए अवैध धुलाई को रोकना जरूरी है। प्रशासन व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को प्रभावी कार्रवाई करनी होगी।
-ज्ञानीराम मालू, उद्यमी व अध्यक्ष, मरुधरा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन
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एनजीटी पर्यावरण के जिन मानकों का पालन कराना चाहती है, टेक्सटाइल उद्यमी भी इन मानकों का पालन करना चाहते हैं। सीमित संसाधनों की वजह से इंडस्ट्री इनको पूरा नहीं कर पा रही हैं। इस इंडस्ट्री को सरकार के सहयोग की जरूरत है, नहीं तो यह इंडस्ट्री समाप्त हो जाएगी।
-अशोक बाहेती, अध्यक्ष, जोधपुर टेक्सटाइल हैण्ड प्रोसेसर एसोसिएशन
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पाली-बालोतरा की तुलना में जोधपुर में टेक्सटाइल का काम कम है। यहां उद्यमी नियमानुसार ही काम कर रहे हैं लेकिन पिछले कुछ सालों से अवैध धुलाई ने टेक्सटाइल इंडस्ट्री को बर्बाद कर दिया है। अवैध धुलाई पर रोक जरूरी है।
-पारस धारीवाल, उद्यमी
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जोधपुर के टेक्सटाइल इंडस्ट्री की सबसे बड़ी समस्या पाली-बालोतरा से आने वाले कपड़े की अवैध धुलाई है। इस पर प्रभावी रोक लग जाए तो जोधपुर पर अवैध धुलाई व जोजरी को प्रदूषण करने का दाग धुल जाएगा।
-वरुण धनाडिय़ा, उद्यमी
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पिछले 5 वर्ष में अवैध धुलाई के काम में तेजी आई है। कई अनाधिकृत क्षेत्र बन गए हैं। समय पर ही इन पर कार्रवाई हो जाती तो आज यह दिन नहीं देखना पड़ता।
-श्रीकांत शर्मा, उद्यमी
एसटीएफ गठन के अच्छे परिणाम आएंगे पाली-बालोतरा की तुलना में जोधपुर में पानी की उपलब्धता है इसलिए वहां से धुलाई के लिए आने वाला कपड़ा जोधपुर की समस्या बन गया है। पता चलने पर छापामारी करते, बिजली कनेक्शन काटते, सीज करते लेकिन मामला एसीजेएम कोर्ट में जाने पर प्रक्रिया लंबी हो जाती थी। अब एनजीटी के आदेश से एसटीएफ का गठन हो गया है। जिसे आइपीसी की धाराओं के तहत कानूनी कार्रवाई का अधिकार है। फैक्ट्री सीज करने का अधिकार है, जो एनजीटी के आदेश से ही वापस खोल सकते हैं। एनजीटी एनवायर्नमेंटल कम्पनशेसन के रूप में आर्थिक दण्ड भी आरोपित करती है। एसटीएफ गठन के अच्छे परिणाम आएंगे।
-जगदीश सिंह, क्षेत्रीय अधिकारी, राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, जोधपुर