scriptबैंककर्मी काउंटर छोड़कर चले गए पीछे ग्रामीण करते रहे शोर शराबा | The banker left the counter and the villagers continued to shout | Patrika News

बैंककर्मी काउंटर छोड़कर चले गए पीछे ग्रामीण करते रहे शोर शराबा

locationजोधपुरPublished: Jul 05, 2018 12:09:22 am

Submitted by:

Manish kumar Panwar

बालेसर. कस्बे में स्थित एसबीआई बैंक में कर्मचारियों के काउंटर पर नहीं मिलने से ग्रामीण उपभोक्ताओं को बैंक में लेन देन व अन्य कार्यों के लिए दो घण्टे तक इंतजार करना करना पड़ा।

balesar bank

बैंककर्मी काउंटर छोड़कर चले गए पीछे ग्रामीण करते रहे शोर शराबा

बालेसर. कस्बे में स्थित एसबीआई बैंक में कर्मचारियों के काउंटर पर नहीं मिलने से ग्रामीण उपभोक्ताओं को बैंक में लेन देन व अन्य कार्यों के लिए दो घण्टे तक इंतजार करना करना पड़ा। जिससे ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया। इस बीच बालेसर क्षेत्र का लाखों रुपए का लेन देन कार्य भी ठप सा रहा। बुधवार दोपहर करीब एक बजे एसबीआई बैंक बालेसर के कर्मचारी एटीएम को ठीक करने एटीएम कक्ष में चले गए। पीछे बैंक में कैश काउंटर सहित सभी काउंटर खाली पड़े थे। करीब दो घण्टें तक बैंक में काउंटरों पर कोई जवाब देना वाला भी नहीं था। लोग लाइनों में खड़े खड़े परेशान हो गए। लेकिन उनको कोई सन्तोषप्रद जवाब देने वाला तक नहीं था। दो घण्टे से परेशान ग्रामीणों ने बैंक में हो हल्ला शुरू कर दिया तथा काउंटरों के आगे लाइन लगाकर बैठ गए। इस बीच बैंक कर्मचारी वापस काउंटर पर आए तो कई ग्रामीणों व बैंक कर्मचारियों के बीच नोक झोक हुई। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि बैंक में रोज समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। चार बजे तक बैंक में पासबुक प्रिंट करवाने या स्टेटमेन्ट लेने या अन्य कार्यों को नहीं करते है। उनका जवाब रहता है कि चार बजे बाद आना, जब चार बजे वापस बैंक जाते तो बैंक का मुख्य गेट बंद कर देते है। एेसे में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि बैंक की व्यवस्था व कर्मचारियों की मनमानी में सुधार नहीं हुआ तो ग्रामीण आन्दोलन करेंगे। निप्र
इन्होंने कहा
बैंक में स्टाफ की कमी है तथा एटीएम में तोड़ फोड़ होने के बाद एटीएम कुछ दिन से बंद पड़ा था। जिसे पुन: चालू करने के लिए उच्चाधिकारियों के फोन आने पर सभी कर्मचारी एटीएम कक्ष में एटीएम को चालू करने अन्दर चले गए थे। तब करीब दो घण्टें लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। बाद में व्यवस्था सुचारू की थी।
– आरके वर्मा, शाखा प्रबन्धक, एसबीआई बालेसर

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