कई नेता यह कहते दिखे कि सूची नहीं आएगी और सीधे सिंबल ही जमा होंगे। वहीं कई नेता देर रात तक सूची के इंतजार में बैठे रहे। कांग्रेस के लिए आसान था कि भाजपा ने पत्ते पहले खोल दिए। फिर भी बगावत के डर से सूची समय पर जारी नहीं की जा सकी।
औपचारिक सूची आने से पहले की हस्तलिखित एक सूची वायरल होती रही। उसी के आधार पर गहलोत-पायलट गुट के लोग भी टिकट बंटवारे को लेकर खींचतान करते नजर आए। भाजपा को बगावत का डर, कई पुराने कार्यकर्ता टिकट नहीं मिलने से नाराज
जोधपुर. भारतीय जनता पार्टी ने १५५ सीटों पर उम्मीदवार उतार तो दिए लेकिन अब बगावत का डर सता रहा है। २५ से ३० एेसे वार्ड हैं जिनमें बगावत खुल कर सामने आ सकती है। हालांकि डेमेज कंट्रोल के लिए फ्रंट लाइन को आगे किया गया है। लेकिन इसमें कितनी सफलता मिलती है यह नामांकन और नाम वापसी के बाद स्थिति स्पष्ट होगी। फिलहाल भाजपा में एक धड़े के लोगों के चहेतों के नाम भी नजर अंदाज करने की बात सामने आई है।
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से जुड़े नेताओं के धड़े को नजर अंदाज करने की बात भी सामने आई है। कोर कमेटी में उस गुट के नेताओं को शामिल किया, लेकिन बैठकों में नहीं बुलाया। विरोध यह भी उन नेताओं के दिए गए नामों को भी सूची में स्थान नहीं मिला।
बगावत जैसी कोई बात नहीं है। एक वार्ड से तीन से चार लोग टिकट मांगते हैं, लेकिन सभी को मौका नहीं मिल सकता। एक बार आक्रोश होता है, लेकिन हम सभी कार्यकर्ताओं के साथ बात कर रहे हैं। हमारा उम्मीदवार कमल का फूल है और उसे जिताने का प्रयास करेंगे। किसी दूसरे धड़े के नाराज होने की जानकारी मुझे नहीं है।
– राजेन्द्र गहलोत, नगर निगम चुनाव समन्वयक और राज्यसभा सांसद