scriptइस बार सर्वार्थ सिद्धि योग में मनेगा रक्षाबंधन | This time Raksha Bandhan will be used in Sarvadhi Siddhi Yoga | Patrika News

इस बार सर्वार्थ सिद्धि योग में मनेगा रक्षाबंधन

locationजोधपुरPublished: Jul 10, 2020 07:50:43 pm

Submitted by:

Nandkishor Sharma

सुबह 9.29 बजे से रात्रि तक बंधेंगी स्नेह की डोर
29 वर्ष बाद बना संयोग : प्रीति आयुष्मान योग पर्व को बनाएंगे खास

इस बार सर्वार्थ सिद्धि योग में मनेगा रक्षाबंधन

इस बार सर्वार्थ सिद्धि योग में मनेगा रक्षाबंधन

जोधपुर. भाई-बहन के स्नेह और विश्वास का प्रतीक पर्व रक्षा बंधन इस बार 3 अगस्त को मनाया जाएगा। पं. ओमदत्त शंकर ने बताया कि रक्षा बंधन भद्रा रहित अपराह्न व्यापिनी श्रावण पूर्णिमा में मनाया जाता है। इस बार भद्रा सुबह 9.29 बजे तक रहेगी। अत: सुबह 9.29 बजे से रात्रि तक स्नेह की डोर बांधी जा सकेगी। इस बार रक्षाबंधन को सर्वार्थसिद्धि तथा सूर्य शनि के समसप्तक का संयोग 1991 के बाद अब 2020 में बना है। साथ ही प्रीति आयुष्मान योग भी इस पर्व को खास बनाएंगे । इस बार श्रावणी पूर्णिमा के साथ सोमवार का योग भी है । पूर्णिमा तिथि की अवधि 21 घंटे 28 मिनट रहेगी। पूर्णिमा का आरंभ उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में होगा यह नक्षत्र सुबह 7.20 तक रहेगा । इसके बाद श्रवण नक्षत्र आरंभ होगा । सोमवार को श्रवण नक्षत्र का होना सर्वार्थसिद्धि की श्रेणी में आता है । धार्मिक मान्यता देखे तो सर्वार्थ सिद्धि योग के संयोग से रक्षाबंधन और साथ ही प्रीति आयुष्मान योग इस पर्व को खास बनाएंगे। यह भी मान्यता है इस दिन सत्यनारायण और गायत्री पूजन करने से महिलाओं को विशेष ऊर्जा और शक्ति तथा आयुष्मान योग आयु बढ़ाता है।
शुक्ल यजुर्वेदयों के लिए खास
श्रवण पूर्णिमा का दिन शुक्ल यजुर्वेदियो के लिए खास रहेगा। यजुर्वेदीय ब्राह्मणों की ओर से श्रावणी उपाकर्म पर्व भी मनाया जाएगा। संबंधित वेद शाखा, रक्षा सूत्र निर्माण व यज्ञोपवीत शोधन व पूजन कर नूतन यज्ञोपवीत धारण करते है। उपाकर्म विशेष तौर पर श्रवण नक्षत्र में किया जाता है ।
सूर्य शनि का समसप्तक योग
ज्योतिष शास्त्र में पंचांग की गणना के आधार पर ग्रह गोचर के मान से देखें तो 1991 के बाद 2020 में शनि वर्ष की गणना से इस बार सूर्य शनि का सम सप्तक योग भी बनता है। इस दिन गायत्री जयंती और संस्कृत दिवस भी मनाया जाएगा।
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