मामले के अनुसार जैसलमेर नगरपालिका की तत्कालीन अध्यक्ष विमला वैष्णव ने 25 जून 1999 को लोक सेवक की हैसियत का अनुचित लाभ उठाते हुए जैसलमेर नगरपालिका के आयुक्त कांतिलाल दवे से मिलीभगत कर गीता आश्रम रोड स्थित भूखंड संख्या तीन तथा चार को नीलामी बोली द्वारा विक्रय के अंतिम बोलीकर्ता महेशकुमार तथा आनंदकुमार से 6 वर्ष बाद ब्याज व जुर्माना वसूले बिना ही मूल राशि प्राप्त कर भूखंड का नियमन कर दिया।
मामले के विचारण के दौरान सह आरोपी आयुक्त कांतिलाल दवे की मृत्यु हो गई। राज्य सरकार की ओर से अंतिम बहस करते हुए सहायक निदेशक अभियोजन एनके सांखला ने के कहा कि आरोपियों ने राज्य सरकार को 6.50 लाख रुपए से ज्यादा की आर्थिक हानि पहुंचाई है। आरोपियों की ओर से नियमित प्रक्रिया के तहत नियमन का हवाला देते हुए बरी करने का निवेदन किया।
न्यायाधीश ने कुल 15 गवाहों तथा अभियोजन की ओर से पेश 35 दस्तावेजों के आधार पर आरोपी अचलवंशी कॉलोनी जैसलमेर निवासी तत्कालीन नगर पालिका अध्यक्ष विमला वैष्णव पत्नी थिरपालदास वैष्णव को भ्रष्टाचार अधिनियम 1988 की धारा 13(1) डी तथा 13(2)के तहत सजा सुनाई ।
सहआरोपी भाटिया पाडा़ निवासी महेशकुमार तथा आनंदकुमार पुत्र बालकिशन भाटिया को आइपीसी की धारा 120 बी के तहत एक वर्ष के कारावास के साथ एक -एक लाख रुपए जुर्माने का आदेश दिया।