शुक्र को सभी ग्रहों में सबसे चमकदार ग्रह माना जाता है। चूंकि शुक्र एक शुभ ग्रह है इसलिए कुंडली में इसकी अच्छी स्थिति से जातकों को जीवन में कई सुख सुविधाएं मिलती हैं लेकिन मुख्य रुप से प्रेम, भौतिक सुखों में इसकी मजबूती से वृद्धि होती है। शुक्र की उच्च राशि मीन है, वहीं धनु राशि में शुक्र का होना सामान्य माना जाता है। हालांकि, शनि, और केतु के साथ शुक्र की मित्रता होती है। वहीं ये बृहस्पति के साथ सामान्य फल देने वाला ग्रह है। ऐसे में शुक्र का राशि परिवर्तन सभी राशियों के लिए खास रहेगा।
धनु राशि में शुक्र होने से धर्म, अर्थ और काम ये तीन पुरूषार्थ सफल होते हैं। शुक्रके प्रभाव से बड़े समाजिक कार्य पूरे हो सकते हैं। धनु राशि में शुक्र के आने से प्रशासनिक और राजनैतिक मामलों में बड़े बदलाव हो सकते हैं। इन क्षेत्रों से जुड़े लोगों के लिए समय अच्छा कहा जाता है। शुक्र के राशि परिवर्तन से कई लोगों की सेहत में भी उतार-चढ़ाव आ सकते हैं। जॉब और बिजनेस में तरक्की के योग बनेंगे। लोगों के कारण कामकाज में बदलाव होने की भी संभावना है। सुख-सुविधाएं, यात्राएं और शारीरिक सुख संबंधी मामलों में महत्वपूर्ण बदलाव होने की संभावना है। ज्योतिष अनीष व्यास के अनुार शुक्र के पास अमृत संजीवनी है और शुक्र पृथ्वी के साथ है। वस्तुओं की लागत बढ़ सकती है। वैश्विक स्तर पर भी शुभ असर देखने को मिलेगा। यदि आप मनोरंजन के क्षेत्र से जुड़े हैं तो आपको शुभ फल प्राप्त होगा।
शुक्र या वीनस को ज्योतिष में स्त्री ग्रह भी माना जाता है। ये वृष और तुला राशि का स्वामी है। शुक्र लाभ के साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि का भी कारक होता है। व्यक्ति की कलात्मकता का भी विकास होता है। किसी की कुंडली में ये ग्रह कमजोर या मजबूत हो, दोनों ही स्थिति में काफी मायने रखता है। ज्योतिष में शुक्र ग्रह को अच्छे कपड़े, विवाह, आमदनी, नारी, यौन जीवन का सुख, फूल, वाहन, चांदी, आनंद, कला, वाद्ययंत्र और राजसी प्रवृत्ति का कारक ग्रह माना गया है। शुक्र के राशि परिवर्तन होने से इन सभी मामलों संबंधी बदलाव देखने को मिलते हैं।
शुभ : मिथुन, कर्क और मीन
सामान्य : मेष, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु और कुंभ
अशुभ : वृष और मकर