जेलर जगदीश पूनिया का कहना है कि तीन महीने की मेहनत के बाद ई-मुलाकात की प्रक्रिया शुरू हो पाई है। इसके लिए परिजन को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। जेल प्रशासन की तरफ से समय व लिंक ई-मेल पर भेजा जाएगा। तय तिथि व समय पर घर बैठे लिंक पर क्लिक करके बंदी से ई-मुलाकात कर सकेंगे। बंदी से वही व्यक्ति ई-मुलाकात कर सकेगा जो बंदी की तरफ से अधिकृत होगा। इसके लिए परिजन के पास स्मार्ट फोन और ई-मेल आइडी होना आवश्यक है।
एनआइसी ने जेल विभाग के साथ मिलकर राज्य में पहली बार यह सॉफ्टवेयर तैयार किया है। तीन महीने में ऑपरेशन संजय व ऑपरेशन खाका के माध्यम से दो लाख मुलाकातियों का डाटाबेस तैयार किया गया है।
देशभर में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने का अंदेशा है। इससे बचाव के लिए लॉक डाउन व सोशल डिस्टेंसिंग रखी जा रही है। ई-मुलाकात से जेल के बंदियों में भी संक्रमण रोकने में मदद मिल सकेगी।
– जेल में बंदी या कैदी से मुलाकात के लिए परिजन को पहले समय लेना होगा। इसके लिए परिजन को जेल की साइट पर आवेदन करना होगा।
– जेल की वेबसाइट खोलने के बाद खुले विंडो पर ई-मुलाकात का आवेदन पत्र भरना पड़ेगा। इस आवेदन में परिजन को अपने बारे में और जिससे ई-मुलाकात करनी है उसके बारे में जानकारी भरनी होगी।
– आवेदनकर्ता के ई-मेल आइडी पर जेल प्रशासन एक लिंक और पिन नम्बर भेजेगा। उसमें बंदी से ई-मुलाकात का समय भी दिया जाएगा।
– तय तिथि व समय पर परिजन को अपने स्मार्ट फोन में उस लिंक पर क्लिक कर डाउनलोड करना होगा।
– डाउनलोड के बाद परिजन का नाम व पिन नम्बर डालते ही वीडियो कॉल कनेक्ट हो जाएगा। बंदी व परिजन पांच मिनट तक वीडियो कॉल पर बात कर सकेंगे।