गांव में दसवीं कक्षा तक सरकारी स्कूल है। ऐसे में कक्षा दस के बाद पढऩे के लिए गांव से 6 किमी दूर सालावास के लिए सरकारी स्कूल जाना पड़ता है। मजबूरी में अभिभावक अपने बेटों को तो जैसे तैसे पढ़ाई के लिए भेज देते हैं, लेकिन बेटियों को सालावास स्कूल नहीं भेजते।
गांव में वर्तमान में उप-स्वास्थ्य केंद्र है, लेकिन बढ़ती आबादी व आपात स्थितियों के लिए यह सुविधाएं नाकाफी है। चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार नहीं होने से ग्रामवासियों को 6 किमी दूर सालावास जाना पड़ता है। गांव में चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार हो तो यहां रहने वाले लोगों को भी राहत मिले।
गांव में परिवहन का साधन भी नहीं है। यहां से किसी को भी शहर की तरफ जाना होता है तो उसे तीन किमी पैदल चलकर तनावड़ा फांटा चौराहे तक आना पड़ता है। यहां से ग्रामवासियों को शहर के लिए बस मिल पाती है। आपात स्थिति में निजी वाहन के अलावा यहां पर सार्वजनिक परिवहन का कोई भी साधन नहीं है। सबसे ज्यादा तकलीफों का सामना स्कूल कॉलेजों में पढऩे वाले विद्यार्थियों को करना पड़ता है।
गांव में कदम-कदम पर विद्युत आपूर्ति के लिए पोल तो लगे हुए हैं, लेकिन उनमें से ज्यादातर पोल पर रोड लाइट ही नहीं लगी है। यहां जेडीए की ओर से लाइट्स लगाई गई थी, लेकिन उनमें से अधिकतर खराब पड़ी है। रोड लाइट नहीं होने से रात के समय ग्रामीणों को एक जगह से दूसरी जगह जाने में अंधेरा होने से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पंचायत की ओर से भी अभी तक इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
गांव के एक किनारे जहरीली जोजरी नदी आई हुई है। इसमें आने वाला फैक्ट्रियों का रासायनिक पानी लोगों के जीवन को प्रभावित कर रहा है। इसका कारण है दिन भर पानी से आने वाली खतरनाक, दम घोंटने वाली बदबू। जिससे चलते पूरा गांव विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। बदबू से परेशान ग्रामीणों की रात में भी चैन की नींद उड़ा रखी है। पानी में पैदा होने वाले मच्छरों से गांव में डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया जैसी बीमारियां फैलने की आशंका बढ़ रही है।
ग्रामीण किशन पंवार ने बताया कि गांव से मोगड़ा की ओर जाने वाले रास्ते पर सार्वजनिक शमशान है। इसी के पास से जोजरी नदी निकलती है। कई बार जोजरी नदी का प्रदूषित पान सार्वजनिक शमशान तक पहुंच जाता है। बारिश के मौसम शमशान में पानी भरने से परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
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– बस्ती राम पंवार।
– हंसा देवी।
– किशन पंवार।
– जगदीश पंवार। गांव में मच्छरों का आंतक है। जोजरी नदी के पानी में मच्छर पनप गए है। अब गर्मीयों में इससे परेशानी ओर भी बढ जाएगी। प्रशासन को जोजरी के पानी में बढते मच्छरों पर लगाम लगाने के लिए जरुरी कदम उठाने चाहिए
– मथुरा देवी।
– पारस गिरी।
– सोनाराम जाट।
– रामू राम।
तनावड़ा नवसृजित पंचायत है। जेडीए के क्षेत्राधिकार में होने के कारण नई स्कूल के सामने एक हजार वर्ग मीटर जमीन चिह्नित की गई है। इसका प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया है। रेलवे क्रासिंग होने के कारण सिटी बसें फाटक पर 10 मिनट खड़ी रहती है। इसके कारण बस चालक गांव नहीं आते हंै। गांव से मोगड़ा घुमटी तक की सड़क क्षतिग्रस्त है इसके लिए भी प्रशासन को अवगत करवा दिया है। जोजरी नदी के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गांव के पुराने तालाब में जोजरी का पानी आने से पेयजल की समस्या भी रहती है।
– पुकाराम पंवार, सरपंच, तनावड़ा।