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देवी जैसे हजारों विस्थापित बच्चे जोधपुर ही नहीं, अपितु पूरे राजस्थान में हैं, जिन्हें केन्द्र सरकार के निर्देश के बावजूद केवल पाकिस्तान विस्थापित बता कर प्रवेश नहीं दिया जाता। नागरिकता के इंतजार में बैठे कई माता-पिता इस डर से बच्चों का दाखिला नहीं कराते कि पता नहीं लोग क्या कहेंगे। गौरतलब है कि अकेले जोधपुर में दो हजार से अधिक विस्थापित बच्चे स्कूलों में पढऩे से वंचित हैं। विस्थापित बच्चों को स्कूलों में एडमिशन और परीक्षा क्यूं नहीं देने देते, इस पर संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगना चाहिए।
– इनका कहना है …
पाकिस्तान विस्थापित छात्रा देवी का स्टेट ओपन परीक्षा का आवेदन पत्र रोका गया है। विभाग के सचिव ने इस बारे में भारतीय नागरिकता वाले बच्चों को ही शिक्षा के अधिकार का पात्र बताया है। जब उन्हें राज्य सरकार के गृह मंत्रालय के निर्देश पत्र के बारे में बताया गया तो दो दिन पूर्व आवेदक छात्रा देवी की फाइल सचिवालय भेजी गई। फाइल ओके होने में कितना समय लगेगा पता नहीं।