उदयमंदिर आसन निवासी एक व्यक्ति अगस्त में अफीम के दूध के साथ गिरफ्तार हुआ था। दो महीने न्यायिक अभिरक्षा में रहने के बाद जमानत पर रिहा होकर आए उस व्यक्ति ने बताया कि मोहल्ला लायकान का एक व्यक्ति हत्या के आरोप में सजा काट रहा है। वह बैरिक का सीओ है और डरा-धमकाकर मौज से रहने के नाम पर बंदियों से वसूली करता है। वसूली के लिए वह सम्बन्धित बंदी के परिजन को रेलवे स्टेशन रोड स्थित पान के एक केबिन या साइकिल स्टैण्ड पर भेजता है। उस कैदी ने एनडीपीएस एक्ट के आरोपी से दो हजार रुपए लिए थे। उसने यह राशि रेलवे स्टेशन रोड स्थित साइकिल स्टैंड पर कैदी के भाई तक पहुंचाई थी।
बंदी रुपए देने के लिए तैयार हो जाता है, तो कैदी मोबाइल के मार्फत बाहर अपने भाई को सूचना देता है। उधर, बंदी भी परिजन को रुपए देने के लिए कैदी के बताए ठिकाने भेजता है, जहां रुपए का लेन-देन होता है।
बंदी ने बताया कि वसूली के लिए कैदी ने रेलवे स्टेशन रोड पर सिनेमा हॉल के पास स्थित पान के केबिन पर ठिकाना बना रखा था। पकड़े जाने का अंदेशा हुआ तो वह जगह बदलकर भाई के मार्फत साइकिल स्टैण्ड पर रुपए लेने लगा।
शहर में रंगदारी के लिए चिकित्सक व ट्रैवल्स मालिक के मकान पर फायरिंग के बाद पुलिस ने 24 मार्च को जोधपुर जेल की आकस्मिक तलाशी लेकर चौदह मोबाइल, 25 सिम, पन्द्रह ग्राम अफीम व अन्य आपत्तिजनक सामग्री बरामद की थी। वहीं, दो माह पहले जेल में एक पैकेट मिला था। जिसमें से तीन दर्जन से अधिक मोबाइल चार्जन पिन बरामद हुई थी। इन सबसे साफ है कि जेल में बंदी व कैदी मोबाइल का उपयोग कर रहे हैं।
रंगदारी के लिए शहर में फायरिंग की लगातार वारदातों के बाद हाईकोर्ट के नाराजगी जताने के बाद पुलिस ने माना था कि जेल बदमाशों का ब्रीडिंग सेंटर है। फायरिंग करने में लिप्त लॉरेंस व स्थानीय बदमाशों का आपस में सम्पर्क जेल में ही हुआ था।