scriptराष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान: व्यावसायिक शिक्षा की खरीद सामग्री में घोटाले की आशंका…! | video: scam in Rashtriya Madhyamik Shiksha Abhiyan | Patrika News
जोधपुर

राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान: व्यावसायिक शिक्षा की खरीद सामग्री में घोटाले की आशंका…!

व्यावसायिक शिक्षा प्रयोगशाला सामग्री की दोगुने दामों में हुई खरीद
 

जोधपुरOct 28, 2017 / 04:52 pm

Abhishek Bissa

scam in Rashtriya Madhyamik Shiksha Abhiyan

scam in Rashtriya Madhyamik Shiksha Abhiyan

राजस्थान माध्यमिक शिक्षा परिषद की इकाई राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (रमसा) की ओर से सरकारी स्कूलों में चलाई जा रही व्यावसायिक शिक्षा के सामग्रियों की खरीद में घोटाले की आशंका जताई जा रही है। योजना में कई वस्तुएं खरीदकर इनके बिल महंगे दाम लगाकर भेजे हैं। इधर, सामग्री में भुगतान मूल्य से कम राशि अंकित है। कई वस्तुओं की कीमतें तो यकीन के बाहर हैं। कई स्कूलों के संस्था प्रधान भी कीमतों को देख सकते में आ गए हैं। एक स्कूल से गड़बड़झाले को लेकर रमसा कार्यालय में शिकायत की गई है। हालांकि अब तक जोधपुर रमसा कार्यालय से भुगतान नहीं किए जाने की बात सामने आ रही है। यह तय है कि बिल के अनुसार भुगतान किया जाए तो सरकारी खजाने को फटका लगेगा।
जोधपुर जिले के 21 स्कूलों में यह पाठ्यक्रम चल रहा है। वहां विद्यार्थियों को सिखाने के लिए प्रशिक्षक लगाए गए हैं। इन स्कूलों में बालिकाओं के ब्यूटी एंड वेलनेस, छात्र-छात्राओं के लिए ट्रेवल एंड टूरिज्म, आईटी एंड आईटीईएस व इलेक्ट्रिक व इलेक्ट्रोनिक्स आदि पाठ्यक्रम चल रहे हैं। इसके लिए रमसा ने टेंडर निकालकर सामग्री की खरीद की है। सामग्री संबंधित स्कूलों में भेज दी गई। मजे की बात यह है कि कई स्कूलों में अनावश्यक सामान भी पहुंच गए हैं। संस्था प्रधानों का कहना है कि इसके लिए उनसे मांग भेजने को नहीं कहा गया था। ऐसा किया जाता तो सरकारी व्यय कम होता। सामग्री खरीद की निविदा 9-10 माह पहले निकाली गई थी। सामग्री एक-दो माह पहले पहुंची है, जबकि कई स्कूलों का ढांचा भी प्रयोगशाला लायक नहीं है। यह शिक्षा फिलहाल कई स्कूलों में कक्षा 9 व 10 के बच्चों को दी जा रही है। वहां विद्यार्थियों को बिठाने के भी पूरे इंतजाम नहीं हैं।
बिल के अनुसार वेब कैमरा 675 रुपए का, एमआरपी 495

जानकारी अनुसार रमसा की ओर से आईटी एंड आईटीएस ट्रेड के तहत वेब कैमरा खरीदा गया है। इस वेब कैमरे की वास्तविक कीमत 495 रुपए पैकेट पर अंकित है। सामग्री रमसा की ओर से 675 रुपए की स्वीकृत निविदा दर पर खरीदी गई है। इसी तरह मल्टी मीडिया प्रोजेक्टर के पैकेट पर 26 हजार 670 रुपए अंकित हंै, जिसको सरकार ने 64 हजार 800 रुपए में खरीदा है। डाइग्लोनर कटिंग पीलर पर अंकित मूल्य 83 रुपए है, जिसे भी 256 रुपए की दर से खरीदा गया। अधिकारियों का कहना है कि यह सभी प्रत्येक ट्रेड के लिए बजट परिषद से तय था। सवाल यह है कि जोधपुर में खरीद के लिए प्रत्येक सामान के राशि की जांच क्यों नहीं की गई। जानकारी अनुसार ब्यूटी कोर्स के लिए खरीदे गए एक पोस्टर की दर भी दो हजार से ऊपर बताई जा रही है।
खारा स्कूल संस्था प्रधान ने भेजी शिकायत


फलोदी तहसील स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय खारा के प्रिंसिपल ने खरीदे गए माल पर संदेह जताया है। उन्होंने इसमें बताया कि मल्टीमीडिया प्रोजेक्टर की एमआरपी कीमत 26 हजार 670 रुपए डिब्बे पर अंकित है, जबकि उन्हें प्राप्त हुए बिल में राशि 64 हजार 8 सौ रुपए बताई गई है। उन्होंने बताया कि कोई गलत माल नहीं आया हो, इसलिए रमसा को पत्र लिखकर स्टॉक एंट्री मांगी है।
इनका कहना


हम इस मामले में जांच करेंगे। अभी तक किसी कंपनी को भुगतान नहीं किया गया है। – डॉ. सोनिया शर्मा, अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक, रमसा

Home / Jodhpur / राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान: व्यावसायिक शिक्षा की खरीद सामग्री में घोटाले की आशंका…!

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो