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जोधपुर

आखिर कब ख़ुशी-ख़ुशी अस्त होगा सूरज

-सनसेट पाइंट पर उम्मीदें भी हो रही अस्त-सुन्दर बालाजी मंदिर परिसर में अव्यवस्थाओं का आलम, प्रशासन नहीं दे रहा ध्यानबिग इश्यू–

जोधपुरJan 15, 2018 / 03:22 am

Sawaisingh Rathore

when will be good sunset
बासनी(जोधपुर).
चौपासनी गांव स्थित सुंदर बालाजी मंदिर के पास सनसेट पाइंट पर सूर्यास्त देखने के लिए आने वाले लोगों को यहां की अव्यवस्थाएं निराश कर रही हैं। शहर के पश्चिमी क्षेत्र में स्थित पहाड़ी से भले ही यहां मनोरम सूर्यास्त दिखे लेकिन प्रशासन की अनदेखी यहां भी साफ नजर आती है। घूमने आने वालों के लिए यहां न तो बैठने की उचित व्यवस्था है और न ही सुरक्षा की। यहां लगी बैंचें टूटी हुई हैं और रोशनी के लिए लगी लाइट्स भी खराब पड़ी हैं। नियमित आने वाले लोगों का कहना है कि प्रशासन की ओर से सफाई को लेकर भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। मंदिर परिसर में प्रसादी आदि के समय लोगों को स्वयं ही साफ-सफाई की व्यवस्था करवानी पड़ती है। पानी के पंप की खराबी के कारण मंदिर तक पानी की सप्लाई भी नहीं हो पा रही है, इसलिए हर सप्ताह पानी का टैंकर मंगवाना पड़ता है। सनसेट पाइंट पर सुरक्षा के लिए लगी रेलिंग कई महिनों से टूटी हुई है जिसकी मरम्मत नहीं होने के कारण यहां घूमने आने वालों सहित बच्चों की जान को हरदम खतरा रहता है। ऐसे में प्रशासन की बेरुखी के कारण ढलती सांझ में सनसेट देखने का सपना लिए आए लोगों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
बैंचें टूटी, पसर रही गंदगी
सनसेट पाइंट पर लगी कई बैंचें टूट चुकी हंै। कई महिनों से खस्ताहाल पड़ी बैंचों के कारण लोगों को दीवार पर ही बैठना पड़ रहा है। लोगों ने बताया कि कुछ बैंचें तो समय के साथ क्षतिग्रस्त हो गई वहीं कुछ को वानरों ने उछल-कूद कर तोड़ दिया। नियमित साफ-सफाई नहीं होने के कारण मंदिर परिसर के पीछे व सनसेट पाइंट पर गंदगी पसरी रहती है। मंदिर में प्रसादी सहित अन्य आयोजनों पर लोग स्वयं ही सफाई करते हैं। कचरा पात्र नहीं होने के कारण भी घूमने आने वाले कचरा यहीं फैंक देते हैं।
पीने के पानी के लिए मंगवाते हैं टैंकर
पहाड़ी पर स्थित होने के कारण पहले यहां पानी पंप हाउस से दबाव से ऊपर पहुंचता था। पंप व लाइन में खराबी के कारण कई महिनों से यहां पानी की सप्लाई बंद है। सप्लाई के अभाव में पानी का टैंकर मंगवाना पड़ता है। ऊंचाई पर होने के कारण पानी का एक टैंकर पहुंचाने के टैंकर वाला पांच सौ रुपए लेता है। मंदिर पुजारी ने बताया कि एक टैंकर का पानी मुश्किल से सप्ताह भर चलता है।
लाइट टूटी, रात में रहता है अंधेरा
सनसेट पाइंट पर सूर्यास्त के बाद यहां लोगों को अन्य अव्यवस्थाओं के साथ अंधेरगर्दी का सामना भी करना पड़ता है। लाइट्स के टूटने के कारण शाम की आरती के बाद यहां लोगों व महिलाओं को अंधेरे में ही पहाड़ी से नीचे उतरना पड़ता है। बंदरों की भागमभाग के कारण बिजली के तार टूट जाते हैं। ऐसे में यदि जमीन के नीचे तारों को बिछाते हुए जाली में लाइट्स को ढक दिया जाए तो यह स्थान रोशन हो सकता है।
रेलिंग क्षतिग्रस्त, चोट लगने की आशंका
मंदिर परिसर के पीछे बने सनसेट पाइंट के एक कोने की दीवार पर लगी रेलिंग टूट गई है। करीब 2-3 फुट की ऊंचाई वाली इस दीवार के पीछे गहरी खाई है। बैंचें टूटी होने के कारण आने वाले लोग इन दीवारों पर बैठकर ही सूर्यास्त का नजारा देखते हंै। दीवार की क्षतिग्रस्त रेलिंग के कारण कभी भी फिसलने से हादसा हो सकता है। बच्चों के साथ आने वाले परिजनों को इस दौरान विशेष सावधानी बरतनी पड़ती है।
मंगलवार को रहती है श्रद्धालुओं की भीड़
पहाड़ी पर स्थित बालाजी मंदिर के कारण मंगलवार को श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है। कई सालों पुराने इस मंदिर से चौपासनी गांव, बाइपास रोड, उम्मेद सागर सहित सूर्यास्त का मनोरम दृश्य दिखाई देता है। इस क्षेत्र के लोगों की आस्था व श्रद्धालुओं के सहयोग से धीरे धीरे यह मंदिर परिसर विकसित होता गया। अब नगर निगम की ओर से समय पर देखरेख नहीं होने के कारण यह सनसेट पाइंट विकसित होने से पहले ही लोगों का आकर्षण खो रहा है।
इन्होंने कहा
यहां से सूर्यास्त के मनोरम दृश्य को देखते हुए नगर निगम ने इसे सनसेट पाइंट के रूप में विकसित करने की योजना बनाई थी। प्रशासन की ओर से ध्यान नहीं देने के कारण यहां श्रद्धालुओं को ही सफाई करनी पड़ती है। पानी सप्लाई बंद होने के कारण हर सप्ताह पांच सौ रुपए देकर टैंकर मंगवाना पड़ता है
– पंडित पीरदास, पुजारी।
इस क्षेत्र में कृष्ण मंदिर के बाद यहां का बालाजी मंदिर लोगों की आस्था का बड़ा केन्द्र है। शहर के पश्चिमी हिस्से में होने के कारण शहर के कई लोग यहां सूर्यास्त देखने के लिए आते हैं। यहां की अव्यवस्थाओं के कारण घूमने वालों का मन खट्टा हो जाता है। सुरक्षा के लिए लगी रेलिंग क्षतिग्रस्त है, जिससे हादसे की आशंका रहती है
– दुर्गसिंह राठौड़।
पहले यहां आबादी कम थी और यह क्षेत्र वीरान रहता था। पहाड़ी पर छोटा सा मंदिर था। धीरे-धीरे लोगों के जन सहयोग से बड़ा मंदिर बनता गया। अब यहां क्षेत्रवासियों सहित शहर के कई लोग मंदिर दर्शन व सनसेट देखने के लिए आते हंै। यहां की अव्यवस्थाओं के कारण लोग निराश होते हैं। यदि प्रशासन समस्याओं की ओर ध्यान दे तो यहां की दशा सुधर सकती है।
ैै- लक्ष्मणराम।
यहां शाम के समय कर्ई लोग आते हंै। यहां से चौपासनी क्षेत्र का विहंगम दृश्य दिखता है। बालाजी मंदिर पर श्रद्धालु सनसेट देखने के लिए आते हंै। शौचालय व पानी की उचित व्यवस्था नहीं है। टूटी कुर्सियों व पसरे अंधेरे के कारण लोग सनसेट से पहले ही निकल जाते हंै। प्रशासन की अनदेखी के कारण यह स्थान अपना सौन्दर्य खोता जा रहा है- चंपालाल।
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