scriptआखिर कब बंद होंगे ये जानलेवा खुले नाले | When will finally stop these deadly open drains | Patrika News

आखिर कब बंद होंगे ये जानलेवा खुले नाले

locationजोधपुरPublished: May 14, 2018 05:21:04 pm

-शहर के व्यस्ततम मार्गों पर खुले नालों से हादसे की आशंका-बासनी, एम्स रोड सहित कई रहवासीय क्षेत्रों में नालों से बारिश में आ सकती है आफत

When will finally stop these deadly open drains
बासनी (जोधपुर). पिछले वर्ष बरसात के मौसम में नालों में गिरने से हुई मौतों के बावजूद भी शहर का प्रशासन न तो सबक ले रहा है, न सीख। नतीजा शहर में अब भी व्यस्ततम मार्गों पर राह में खुले नाले मौत बनकर जान लेने के लिए तैयार हैं। अफसरों का नकारापन आमजन की जान पर भी किस कदर भारी पड़ सकता है यह पिछले वर्ष खुले नालों में गिरने से हुई मौतों की घटनाओं से ही पता चल जाता है। हादसे होने के बाद न तो अफसरों की कार्यप्रणाली में परिवर्तन आया, न ही प्रशासन की नींद खुली। एक बार फिर से जहां मानसून दस्तक देने को तैयार है, वहीं दूसरी तरफ बासनी, एम्स रोड सहित कई जगहों पर सड़क किनारे अभी भी कई नाले खुले पड़े हैं। जिन्हें इंतजार है कि आखिर कभी तो प्रशासन उन्हें ढकने का कार्य करेगा, लेकिन कब यह सिर्फ पहेली ही बना हुआ है। इन नालों को ढकने के लिए प्रशासन जमीनी स्तर पर कोई प्रयास नहीं कर रहा है। ऐसे में बारिश के मौसम में एक बार फिर से यहां से गुजरने वाले वाहन चालकों, राहगीरों के लिए खतरे की घंटी बज चुकी है। इन नालों को ढकने के लिए कोई आगे आए तो शायद किसी की जान न जाए। पेश है एक रिपोर्ट।
एम्स रोड
लगभग एक वर्ष से भी अधिक समय से एम्स परिसर व इससे आगे की तरफ जाने वाले मार्ग पर सड़क किनारे ही नाला कई जगहों से खुला पड़ा है। जो हादसे को न्योता दे रहे हैं, क्योंकि यहां न तो चेतावनी बोर्ड लगा है, न इन्हें ढकने के लिए कोई सरकारी प्रयास। यहां से गुजरने वाले वाहन चालक तनिक भी ध्यान चूकते ही इस नाले में गिरकर चोटिल हो सकते हैं। नाले को ढकने के लिए जागरुक लोगों ने कई बार शिकायतें भी की, लेकिन प्रशासन कोई परवाह नहीं कर रहा है।
बासनी औद्योगिक क्षेत्र
बासनी औद्योगिक क्षेत्र की फैक्ट्रियों से निकलने वाले प्रदूषित पानी की निकासी के लिए बनाया गया नाला लगभग पंद्रह से अधिक वर्षों से खुला पड़ा है। इसके रखरखाव की जिम्मेदारी रीको की है, लेकिन अधिकारियों को अपने कमरों से बाहर आने की फुर्सत तक नहीं है। ऐसे में इस नाले को ढकने के लिए न तो कोई प्लान बन रहा है, न रीको की ओर से कोई प्रयास। बासनी क्षेत्र की औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाला प्रदूषित पानी इसी नाले से होकर बासनी, सरस पशु आहार, केके कॉलोनी के रास्ते सालावास, जोजरी नदी की तरफ जाता है। इन सभी कॉलोनियों में नाला ढका हुआ नहीं होने के कारण पूर्व में भी एक मासूम की नाले में बहने से मौत हो गई थी।
ये कॉलोनियां होंगी प्रभावित
बारिश के मौसम में नाले को नहीं ढकने से बासनी क्षेत्र की नई कॉलोनी, संजय कॉलोनी, चार दुकान, इंदिरा नगर, केके कॉलोनी, मोती नगर, गंगा विहार सहित कई कॉलोनियों में नालों का पानी ओवरफ्लो होकर कॉलोनियों में घुस जाता है। इससे इन कॉलोनियों में बाढ के हालात हो जाते हैं। इन कॉलोनियों में रहने वाले लोगों की ओर से कई बार रीको को शिकायत देकर नालों को ढकने की मांग की गई, लेकिन रीको के अधिकारी ध्यान नहीं देते हैं। ऐसे में बारिश के मौसम में इन कॉलोनियों में फिर से खतरे के बादल मंडराने लग गए हैं।
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