चिकित्सकों के अनुसार जब तक जोधपुर में उदाहरण के तौर पर 10 में से तीन यानी के 30 प्रतिशत लोग ऐसे नहीं आ जाते, जिन्हें ये पता नहीं है कि वे संक्रमित कहां से हुए? तब तक जोधपुर को तृतीय कोरोना वायरस स्टेज में नहीं लाया जा सकता है। ये सवाल जोधपुर के स्थानीय आदमी (जिसकी ट्रेवल हिस्ट्री नहीं) के बाद उठा हैं।
संक्रमित मरीज की जानकारी के बाद मरीज के घर में पत्नी, पुत्र-पुत्री, दूसरे स्थान पर रहने वाले पुत्र, उसकी पत्नी, उसकी दो संतान समेत कुल 13 जनों को एमडीएम अस्पताल लाया गया। वहीं मरीज पास में बनी एक क्लिनिक में डॉक्टर को दिखाने गया था, वहां के डॉक्टर को भी अस्पताल लाया गया हैं। इन सभी को संदिग्ध मान जांच होगी। उसके बाद इन्हें नेगेटिव आएंगे तो प्रशासन अपने चयनित स्थान पर क्वारेंटाइन करेगा। पॉजिटिव आए तो अस्पताल में भर्ती रहकर इलाज लेंगे।
एम्स जोधपुर में इरान से लाए गए और जैसलमेर व जोधपुर आर्मी वेलनेस सेंटर में रहे 18 संक्रमित मरीज भर्ती हैं, एक मरीज एमडीएम अस्पताल में भर्ती है। एम्स जोधपुर में कोरोना वायरस संक्रमित स्थानीय दो निवासी भर्ती हैं। एमडीएम अस्पताल में जोधपुर निवासी 6 मरीज भर्ती हैं।
लंदन से लौटे कोरोना संक्रमित चौपासनी हाउसिंग बोर्ड निवासी व बीजेएस आरटीओ रोड निवासी दोनों युवकों की रिपोर्ट दोबारा जांच में नेगेटिव आई है। एमडीएम अस्पताल प्रशासन ने उन्हें अन्यत्र वार्ड में शिफ्ट किया है। इनकी दोबारा जांच होगी। हालांकि एक महिला संक्रमित रोगी पूर्व में नेगेटिव आई व फिर बाद में पॉजिटिव आ गई। इस कारण अस्पताल प्रशासन फिलहाल किसी को भी पूर्ण रूप से नेगेटिव करार नहीं दे रहा है।