शोर शराबे से दूर दुनिया का चर्चित हवाई अड्डा
हमारी यात्रा की शुरुआत दिल्ली से हुई। यहां से सीधे दुबई को जाने वाले विमान में हम बैठै। लगभग 4 घंटे बाद हम दुबई एयरपोर्ट पर पहुंचे। यहां से हमें फ्रांस की राजधानी पेरिस के लिए निकलना था। हमारी फ्लाइट लगभग 3 घंटे बाद थी। ऐसे में हमने एयरपोर्ट घूमने का विचार किया। यहां का एयरपोर्ट विश्व का अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है। जहां से विश्व भर के लिए उड़ाने जाती हैं। यह हवाई अड्डा विश्व का शांत हवाई अड्डा माना जाता है। क्योंकि यहां संदेश सूचनाओं का उद्घोष माइक पर नहीं होता है। इलेक्ट्रिोनिक सूचना पट्ट के माध्यम से होता है।
यूरोपीय संघ एक राजनीतिक व आर्थिक संघ है। जिसमें 28 देश शामिल हैं। यह लगभग 44 लाख वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। यहां की आबादी लगभग 50 करोड़ है। यहां 28 में से 14 देश एक ही मुद्रा यूरो का प्रयोग करते हैं। अंतरराष्ट्रीय यूरोपिय संघ बनने व एक ही मुद्रा होने से यहां अंतरराष्ट्रीय व्यापार, यात्रा, भ्रमण अन्य को बाजार मिल गया है।
स्वचलित है अधिकांश व्यवस्थाएं
पेरिस यूरोप का सबसे बड़ा शहर (क्षेत्रफल के हिसाब से) है। यह सुंदर व व्यस्तम शहरों में गिना जाता है। यहां हर घंटे फैशन परिवर्तन हो जाता है। पेरिस ेके लोग अनुशासनप्रिय व अपने परिवार को अत्यधिक समय देने वाले होते हैं। यहां के लोग समय के पाबंद होते हैं। यही वजह है कि लोग कार्यस्थल पर ओवरटाइम करना पसंद नहीं करते। शहर में गंदगी का कहीं आलम नजर नहीं आता है। साफ सुथरी जगह व चकाचक सड़कों पर तेज गति से दौड़ते वाहन देखें जा सकते हैं। पेरिस शहर में अधिकांश व्यवस्थाएं स्वचलित है। जिनमें कोई भी व्यक्ति कार्य नहीं करते हैं। इनमें पेट्रोल पम्प, टोल, यातायात नियंत्रण आदि शामिल है।
जिंदगी के बेहतरीन लम्हो में से एक पेरिस यात्रा में हमें कई तरह की चीजों के बारे में जानने का मौका मिला। खासतौर पर पेरिस की वास्तु कला व भवन निर्माण कला काबिलेतारीफ है। यहां का एफिल टॉवर अपने आप में ही अद्भुद है। यहां बड़ी संख्या में चर्च हैं। जिनकी बनावट बहुत ही सुंदर तरीके से की गई है।
यहां के लोग सेहत के प्रति समर्पित होते हैं। यहां प्रात:काल भ्रमण के समय साइकिल चलाते, टहलते लोगों को देखा जाना आम बात है। खास बात यह है कि इन सभी के लिए अलग से पथ बना होता है। जिस पर आराम से साइकलिंग व टहल सकते हैं। यूरोप के देशों में अधिकांश शहर नदियों के किनारे विकसित किए गए हैं। यहां वर्ष भर मीठे पानी की नदियां बहती हैं।
पेरिस व आसपास के शहरों को देखने के बाद हम बस से स्वीट्जरलैंड के लिए रवाना हुए। पेरिस से यह दूरी लगभग 800 किलोमीटर थी। हम साढ़े छ: घंटे बाद में स्वीट्जरलैंड पहुंचे। यहां प्राकृतिक हरियाली, हरे घने खेत, हरे-भरे पहाड़, स्वच्छ व साफ जल से बहती नदियां, कल-कल करते झरने यात्रा में ताजगी भर देते हैं। यहां का वातावरण ही ऐसा है कि थकान का अहसास ही नहीं होता।
स्विट्जरलैंड की कुल आबादी लगभग 80 लाख है। यहां का सबसे बड़ा शहर जुरिच है। इस शहर की आबादी लगभग 7 लाख है। हालांकि यहां की राजधानी बर्र्न है, लेकिन उसके मुकाबले जुरिच शहर कहीं अधिक विकसित है। इसी शहर में स्विस बैंक है। जो एक दो नहीं 200 से अधिक संख्या में हंै। यहां बहुत कम संख्या में लोग बेरोजगार हैं। जो बेराजगार हैं उन्हें भी सरकार की ओर से भत्ता दिया जाता है।
स्विट्जरलैंड के लोग अपनी प्राकृतिक धरोहर को संरक्षित करने के लिए समर्पित होते हैं। यही वजह है कि यहां सड़क निर्माण के दौरान रास्ते में आने वाले पहाड़ों को काटने के बजाय सुरंग बनाई जाती है। यहां संसार की सबसे बड़ी लम्बी सुरंग है, जो 17 किमी लम्बी है। यहां आपातकालीन निकासी ऐसी कि आप देखकर चकित रह जाएं। इसलिए ही स्वीट्जरलैंड को धरती का स्वर्ग कहा जाता है। तो आप भी बना सकते हैं ऐसी यात्रा को देखने का कार्यक्रम।