ऑनलाइन पढ़ाई में जिले में सिर्फ 4.41 प्रतिशत बच्चे ही शिक्षा ले रहे हैं। यानी 60 प्रतिशत से अधिक बच्चों की अप्रैल माह से अभी तक क्लास नहीं लगी है। शिक्षा विभाग की ओर से भले ही छात्र-छात्राओं को पुस्तकों का वितरण कर दिया गया हो पर क्लास की हकीकत ने साफ कर दिया कि 68 हजार से अधिक बच्चों तक न तो गुरुजी पहुंच रहे और न ही मोहल्ला क्लास के माध्यम से पढ़ाई हो रही है।
नगर और अंचल के निजी स्कूलों में भले ही आनलाइन शिक्षा का बखान किया जा रहा हो पर सरकारी स्कूलों में इस तरह की शिक्षा का हाल खराब है। शिक्षा विभाग की ओर से पढ़ाई तुंहर दुआर कार्यक्रम में हर बच्चा मोहल्ला क्लास में नहीं आ रहा है। शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार प्राथमिक शालाओं में बच्चों और शिक्षकों की बात करें तो 1587 स्कूलों में 48 हजार 812 बच्चों को पढ़ाने के लिए हजारों शिक्षकों को लगाया गया है।
प्राथमिक शाला के सिर्फ 342 छात्र इस तरह से शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। शिक्षा विभाग की ओर से प्राथमिक शालाओं में आनलाइन शिक्षा देने के लिए 6265 शिक्षकों को लगाया गया है। जबकि पढ़ाई सिर्फ 342 छात्र कर रहे हैं।