ग्रामीणों की परेशानी को देखते हुए पत्रिका ने पानी की परेशानी की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। खबर को संज्ञान में लेते हुए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (Public Health Engineering Department) की ओर से बोर खनन किया जा रहा है। ग्रामीणों में अब खुशी है कि उन्हें झरिया का पानी नहीं उपयोग करना पड़ेगा। वर्षों से इस गांव के ग्रामीण झरिया का पानी पी रहे थे। झरिया का पानी उपयोग करने से लोगों की सेहत भी खराब हो रही थी।
ग्रामीणों ने बताया कि गांव में पानी के संकट (Water Problem in Chhattisgarh) को देखते हुए पत्रिका ने खबर प्रकाशित किया था। प्रशासन ने गांव की परेशानी को देखते हुए सबसे पहले सर्वे कराया फिर बोर के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (Public Health Engineering Department) को पत्र जारी किया। अब लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की ओर से बोर खनन (Bore Mining) का काम प्रारंभ करा दिया गया है। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में हैंडपम्प (Hand Pump) नहीं होने के कारण नदी तट से झरिया का पानी उपयोग करते थे।
आजादी के 70 साल बाद पहली बार हमारे गांव में हैंडपम्प (Hand Pump) के लिए बोर खनन कराया जा रहा है। हैंडपम्प से जल्द ग्रामीणों को शुद्ध पानी (Pure drinking water) उपलब्ध होने लगेगा। विधायक और संसाद से गुहार करने के बाद भी हमारे गांव में बोर खनन नहीं कराया गया। पत्रिकी पहल पर प्रशासन ने गांव में बोर करा रहा है। हम सभी ग्रामवासी पत्रिका को बधाई देते हैं।
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