पुलिस टीम द्वारा पकड़े गए राजस्थान वारा निवासी महेश और उज्जैन अली आपस में जीजा-साला बता रहे हैं। नगर के बरदेभाटा में कुछ दिनों से डेरा डाले हुए हैं। बुधवार को न्यू बस स्टैण्ड के सामने १३ वर्षीय और ७ वर्षीय दो नाबालिग बच्चे दुकानों में भीख मांग रहे थे। नाबालिग बच्चों से भीख मांगने के बारे में एक व्यक्ति ने जानकारी चाही तो दोनों मासूमों ने पढ़कर एक पुलिस और दूसरा डाक्टर बनना चाह रहे थे। स्कूल जाने पर माता-पिता द्वारा मना करना बता रहे थे। भीख मांगने के लिए सुबह से दोनों बच्चे विभिन्न स्थानों पर जाते हैं।
भीख नहीं मांगने पर पिटाई होने की बात स्वीकार की। इसी बीच बाल संरक्षण विभाग के अफसर एवं पुलिस टीम सूचना पर मौके पर पहुंच गईं। बाल संरक्षण टीम ने दोनों बच्चों से पूछताछ करने के बाद बाल कल्याण स्कूल में रखने के लिए सिंगारभांट भेंज दिया। इसी बीच बच्चों से भीख मांगने के लिए प्रेरित करने वाले उनके माता-पिता और एक व्यक्ति को पुलिस ने पकड़ लिया। बच्चों के माता-पिता के साथ एक अन्य व्यक्ति भी भीख के लिए प्रेरित करने पर पुलिस टीम ने फटकार लगाई। बच्चों को नियमित स्कूल भेजने की समझाइश देकर छोड़ दिया गया। इस दौरान बाल सरंक्षण समिति के शिक्षा विभाग की ओर से संकुल समन्वयक हेमंत साहसी, कमलेश्वर साहू एवं जिला बाल संरक्षण विभाग अधिकारी रीना लारिया के अलावा अन्य पुलिस कर्मचारी उपस्थित थे।