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कांकेर

वोटरों ने किया चुनाव का बहिष्कार, कहा – सरकार चुनने पांच साल बाद मिला था मौका वो भी पूरा नहीं हो पाया

छत्तीसगढ़ में पहले चरण के चुनाव के तहत नरहरपुर ब्लॉक के ग्राम पंचायत रावस सहित चार गांव के 757 मतदाताओं ने मतदान केंद्र अचानक बदल दिए जाने से मतदान नहीं कर पाए।

कांकेरNov 12, 2018 / 06:21 pm

Ashish Gupta

CG Election 2018

मतदान केंद्र बदला तो चार गांव के 757 मतदाताओं ने किया मतदान का बहिष्कार

कांकेर. छत्तीसगढ़ में पहले चरण के चुनाव के तहत नरहरपुर ब्लॉक के ग्राम पंचायत रावस सहित चार गांव के 757 मतदाताओं ने मतदान केंद्र अचानक बदल दिए जाने से मतदान नहीं कर पाए। सुबह सात बजे से दोपहर 12 बजे तक आमापानी मतदान केंद्र के समक्ष चार गांव के मतदाता मतदान दल की प्रतिक्षा करते रहे जब जिला निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा मतदान के लिए कोई बंदोबस्त नहीं किया गया तो सभी अपने अपने घर को वापस लौट गए। ग्रामीणों ने कहा कि पांच साल बाद एक मौका मिला था अपनी सरकार चुनने के लिए वह भी अफसरों की मनमानी से पूरा नहीं हो पाया है। दोपहर बाद मतदान का मतदाताओं ने बहिष्कार की घोषणा कर दी।
ग्राम पंचायत रावस के आश्रित गांव आमापानी, पर्रेदोड़ा, निशनहर्रा में कुल महिला-पुरुष 757 मतदाताओं का वोटर कार्ड बना हुआ है। लोकसभा चुनाव में इन चार गांव के मतदाताओं के मतदान के लिए आमापानी में मतदान केंद्र बनाया गया है। विधानसभा चुनाव 2018 में भी आमापानी को ही मतदान केंद्र घोषित किया गया था। मतदान केंद्र का लेखन एवं अन्य प्रक्रिया आमापानी के प्राथमिक स्कूल में किया गया था। सोमवार को नामांकन होने से मात्र एक दिन पहले चारों गांव के मतदाताओं को बताया गया कि इस बूथ को शिफ्ट कर दिया गया।
आमापानी में मतदान न कराकर ठेमा में बूथ बना दिया गया है। मतदाताओं ने बताया कि उनके नाम की पर्ची मतदान केंद्र आमापानी का दिया गया। मतदाताओं ने कहा कि इस बार रावस तक सड़क बन जाने से लोगों में चुनाव में मतदान करने का काफी उत्साह था। रावस निवासी कुंती नेताम ने बताया कि वह अपने गांव से आमापानी में मतदान करने के लिए बड़ी ही उत्सुकता के साथ आई थी कि प्रदेश एवं क्षेत्र के विकास के लिए उसका एक वोट काम आएगा।
आमापानी में आने के बाद पचा चला कि मतदान केंद्र को ठेमा में बना दिया गया है। आमापानी से ठेमा की दूरी 12 किसी होने और आने जाने के लिए किसी प्रकार का संसाधन नहीं होने के कारण वह मदतान से वंचित हो रही है। कुंती ने कहा कि सुबह सात बजे से दोपहर 12 बजे तक आमापानी मतदान केंद्र पर इंतजार करने के बाद भी कोई नहीं आया तो वापस लौट गए। ललिता शोरी ने कहा कि मतदान का सभी को अधिकार है।
मतदान केंद्र भी हमारे गांव में बना था। गांव तक आने जाने के लिए पक्की सड़क बन चुकी है। आमापानी मतदान केंद्र का लेखन भी जिला निर्वाचन अधिकारी के आदेश पर करा दिया गया है। चार गांव के लोग मदतान करने के लिए तैयार थे। अचानक मतदान केंद्र को बलदकर सैकड़ों मतदाताओं को मतदान करने से रोक दिया गया है। 12 किमी दूर मतदान करने के लिए मतदाता कैसे पहुंच पाएगा। जिला निर्वाचन की अनदेखी से हम अपने ही देश में रहते ही मतदान नहीं कर पा रहे हैं।

12 किमी दूर बना दिया ठेमा में मतदान केेन्द्र
मतदाताओं ने कहा कि रविवार को अचानक नरहरपुर सीईओ ने आमापानी और रावस गांव में मतदाताओं के बीच पहुंचकर ठेमा में मतदान करने की जानकारी दी तो मतदाता भड़क गए। मतदाताओं ने सीईसी से पूछा कि लोकसभा चुनाव में आमापानी में मतदान केंद्र बनाया गया था तो इस साल कौन सी मजबूरी खड़ी हो गई। 12 किमी पैदल कौन मतदान करने जाएगा। 12 किमी पैदाल चलने में चार घंटे का समय लगेगा। वापस आने में भी तो और अधिक समय लग जाएगा। ऐसे में मतदान इनती दूर करने मतदाता नहीं पहुंच जाएंगे। मतदाताओं के विरोध को देखते हुए सीईओ उल्टे पांव लौट गए।

पांच घंटे इंतजार के बाद मतदाता लौटे
आमापानी मदातान केंद्र के बाहर चारों गांव के मतदाता चंदाजुटकार टेंट लगाया था कि मतदान दल आएगा तो उनका स्वागत करेंगे। अपने मन पसंद के उम्मीदवार को विधानसभा में विकास की आवास उठाने के लिए भेंजेगे। निर्वाचन पदाधिकारियों की अनदेखी से सुबह सात बजे से दोपहर 12 बजे तक चारों गांव के सभी मतदाता मतदान दल की प्रतिक्षा करता रहा कि आमापानी में आएंगे तो मदतान करेंगे। मतदान दल की टीम नहीं पहुंची तो सभी लोग वापस लौट गए।

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