कांकेर जिले के पखांजूर इलाके में बांग्लादेश की तकनीक से मछली का उत्पादन किया जा रहा है जिसके कारण किसानो को काम लागत में ज्यादा मुनाफा हो रहा है। पंखाजूर के किसानो में इस मछली के उत्पादन के प्रति आकर्षण बढ़ता ही जा रहा है।
पखांजूर के किसान भजन विश्वास बताते हैं की वह बांग्लादेश घूमने गए थे। वहीं उन्हें इस विशेष प्रजाति के मछली के बीज उत्पादन के तौर तरीकों को देखने के बाद उनके मन कार्य को करने की ललक जाएगी। वापस आने के बाद उन्होंने अपने गाँव में ही बांग्लादेशी तरीके से हैचरी का निर्माण किया।
इस निर्माण के लिए बांग्लादेश से उन्होंने कारीगर बुलाया और हैचरी बनवाकर पंगसेस मछली के बीज का उत्पादन शुरू कर दिया।समय समय पर किसी प्रकार की समस्या होने पर वह बांग्लादेश से विशेषज्ञों को भी पखांजूर बुलाते हैं। उन्होंने बताया की इस प्रजाति के पालन में मेहनत ज्यादा करनी पड़ती है लेकिन अन्य प्रजातियों की अपेक्षा इसके बीज बहुत ही कम समय में तैयार हो जाते हैं।
बाजार में इस मछली की मांग बहुत ज्यादा है जिससे लाभ भी अधिक होता है।क्षेत्र के अन्य किसान ने भी इस मछली के बीज का उत्पादन कर लाभ कमा रहे हैं।पखांजूर जैसे नक्सल प्रभावित इलाके में किसान पांगसेस मछली के बीज का उत्पादन कर पुरे देश में नाम कमाने के साथ ही आर्थिक रूप से भी सुदृढ़ हो रहे हैं।