नगर के न्यू बस स्टैंड की सभी दुकान रजाबंध के नाम पर लोगों को आवंटित है। एक-एक दुकानों को 8 से दस लाख रुपए में नपा ने बेच गया था। अब इन दुकानों की कीमत 25 से 30 लाख हो चुकी है। इन दुकानों की छतों को भी अब बेचा जा रहा है। सूत्रों की माने तो न्यू बस स्टैंड के मुख्य रोड की पूरी छत दो लोगों को दिया गया है। यानी एक गेट से दूसरे गेट तक की पूरी छत का विक्रय होना बताया जा रहा है। नियम के आधार पर जिनकी दुकान नीचे है उन्हीं को ऊपर निर्माण करने की अनुमति पालिका से है।
किसी दूसरे व्यक्ति द्वारा उक्त छत पर निर्माण नहीं कराया जा सकता है। अगर इस छत पर बनी दुकानों को किसी अन्य को बेचा गया तो नीचे की दुकान का करार स्वत: खत्म हो जाएगा। नियम कानून को ठेगा दिखाते हुए सिर्फ कुछ लोगों को छत दे दिया गया है। एक तरफ की छत पर निर्माण नहीं कराया गया है लेकिन दूसरी तरफ की छत पर दुकान तैयार हो चुकी हैं।
ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा कि जब पालिका ने छत को बेचने की प्रक्रिया की तो दुकानों के आक्सन की तहत नियम का पालन करना चाहिए था। टेंडर निकालना, छत की दर निर्धारित करना और नीलामी कराना था। बहरहाल जो भी हो कुछ पार्षदों को इसकी जानकारी तक नहीं है। अब ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा कि पार्षदों को जनकारी नहीं तो कैसे दुकान तैयार हो रही हैं।