महारानी अस्पताल में मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए मेडिकल और सर्जिकल आईसीयू बनाया जा रहा है। शुरुआत में इस प्रोजेक्ट की लागत 90 लाख रुपए थी, लेकिन निर्माण में लापरवाही की वजह से लागत अब करीब 3 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। यहां पर 6 बिस्तरों का सर्वसुविधा युक्त केजुअल्टी वार्ड का भी निर्माण चल रहा है। निर्माण पूरा करने के लिए अब तक दो से तीन बार डेड लाइन दिया जा चुका है। बावजूद निर्माण पिछड़ता जा रहा है।
हॉस्पिटल में सीटी स्कैन और डिजिटल एक्स-रे तक की सुविधा नहीं है। ऐसे में एक्सीडेंटल वाले गंभीर मरीजों को को जांच के लिए मेडिकल कॉलेज रेफर करना ही पड़ेगा। हॉस्पिटल में सिर्फ एक मैनुअल एक्स-रे है। इससे गंभीर मरीजों का एक्स-रे करने काफी दिक्कत होती है। एक्स-रे की रिपोर्ट समय पर नहीं मिल पाती है।