ये है पूरा मामला
दरअसल, घटना दो साल पहले 30 जून 2016 की है, जहां कांकेर की रहने वाली 13 साल की नाबालिग युवती अपने परिजनों से खेलने जाने की बात कहकर घर से निकली थी, जो देर शाम तक घर नहीं पहुंची। चितिंत परिजनों ने उसकी सहेलियों और आसपास तलाशना शुरू किया, लेकिन कोई भी जानकारी नहीं मिली। इसके बाद परिजनों ने नाबालिग की गुमशुदगी की रिपोर्ट कोतवाली थाना में दर्ज कराई।
गुमशुदगी के दो दिन बाद पहुंची घर
दो दिनों बाद 2 जुलाई 2016 को अचानक वह अपने घर पहुंची, अपनी बेटी को सामने देख परिजन खुश हुए, लेकिन उसकी स्थिति देखकर पूछताछ किया तो नाबालिग ने आपबीती घटना अपने परिजनों को बताई तो मानो उनके होश उड़ गए।
आरोपी ने पीड़िता को दी धमकी
इतना ही पीड़िता ने बताया कि अन्नपूर्णापारा वार्ड निवासी मनीष रवानी (21) पिता सुरेश ने उसे शादी का झांसा देकर उसके साथ दुष्कर्म किया और किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी। पीड़िता और उसके परिजनों ने इसकी शिकायत कोतवाली थाना में दर्ज कराई। पीडि़त नाबालिग की रिपोर्ट पर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया।
कोर्ट ने सुनाई 10 साल की सजा
प्रकरण नाबालिग से संबंधित होने के कारण चालान विशेष न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। विशेष न्यायाधीश मनोज कुमार प्रजापति की कोर्ट में विचारण किया गया, जहां विचारण के दौरान पीडि़ता के बयान और अन्य गवाहों के बयान के आधार और सबूतों के आधार आरोपी को अनाचार का दोषी पाया गया। न्यायाधीश ने आरोपी को 10 साल की सजा सुनाई है। इसके अलावा कोर्ट ने आरोपी को 2800 रुपए अर्थदंड की सजा भी सुनाई है।
सुलभ शौचालय में छुपा कर रखता था
जानकारी मिली है कि आरोपी नाबालिग को सुलभ शौचालय में रात को और दिन में मुक्तिधाम में रखता था, इस दौरान उसने
पीड़ित नाबालिग से अनाचार की घटना को अंजाम देता रहा।