रसोइया संघ के प्रवक्ता उमराव पटेल ने कहा कि सात सूत्री मांगों को लेकर वह काफी दिनों से आंदोलन कर रहे हैं। प्रशासन उनकी मांगों को अनसुना कर रहा है। मात्र 40 रुपए की दर से प्रतिदिन का भुगतान कर रहा है।12 सौ रुपए प्रतिमाह के मानदेय से परिवार का पालन पोषण नहीं हो रहा है। जबकि कोर्ट ने प्रति व्यक्ति 255 रुपए प्रतिदिन की दर से भुगतान करने का फैसला दे चुका है। एक-एक स्कूल में सौ से अधिक बच्चों को रसोइया भोजन पका रहे हैं।
इतनी संख्या में बच्चे होने के बाद भी शासन की ओर से मात्र डेढ़ घंटे ही काम बता रहा है। ऐसे में अब सभी रसोइया 25 अक्टूबर से शासन की ओर से जारी आदेश के आधार पर ही काम करने का निर्णय लिया है। पटेल ने बताया कि 17 अक्टूबर को रसोइया संघ की एक और बैठक होगी, इसके बाद जगदलपुर में बस्तर संभाग के सभी पदाधिकारियों से चर्चा करने के बाद मात्र डेढ़ घंटे ही स्कूलों में काम करेंगे। इस दौरान अंतागढ़ से हेमलता साहू, कोयलीबेड़ा से बृजवत्ती दर्रो, जिला सचिव श्याम सुंदर, कांकेर से प्रभा निषाद, भुवनेश्वर यादव आदि रसोइया संघ के पदाधिकारियों ने कृषि उपज मंडी में बैठक में विभिन्न बिन्दुओं पर निर्णय लिया है।