हमलावर तीन युवक भी मुझे दौड़ाने लगे लेकिन फैंसिंग तार की आड़ होकर मैं किसी तरह भागते हुए बीएसएफ कैंप गुमडड़ीह पहुंचकर जान बचाया।वहां जवानों को घटना की जानकारी, बीएसएफ के अधिकारी ने पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने को कहा। जिसपर तत्काल शाम करीब 7 बजे दुर्गूकोंदल थाने पहुंचकर मौखिक जानकारी देकर घर लौट गया।
16अगस्त को पुन: दुर्गूकोंदल थाने पहुंचकर लिखित आवेदन देकर एफआईआर दर्ज करने की मांग किया हूं।पीड़ित व्यक्ति ने बताया कि मेरी किसी व्यक्ति से दुश्मनी नहीं है और न ही किसी के उपर शक है। फिर भी मेरे उपर फायरिंग क्यों किया गया, समझ नहीं आ रहा है। फायरिंग की घटना गंभीर है, इसलिए मैंने जान के खतरा की अंदेशा को देखते हुए रिपोर्ट दर्ज करने आवेदन दिया है। इस घटना से मेरी जान को खतरा लग रहा है।