नगर से महज आठ किमी दूर ग्राम पंचायत नारा में अवैध ढंग से महानदी से रेत का खनन बदस्तूर जारी है। मशीन से रेत खनन पर प्रतिबंध होने के बाद भी खुलेआम जेसीबी का उपयोग किया जा रहा है। सैकड़ों हाइवा रेत अवैध ढंग से रोज पार हो रही है। खनन माफिया लोगों को दिखावा के लिए नदी में पुल के पास मजदूर से रेत खनन करा रहे हैं जबकि कुछ ही दूरी पर दो-दो जेसीबी मशीनों को लगा अवैध रेत निकाल रहा है। नारा नदी का कारोबार बंद हुआ नहीं कि रेत माफियाओं ने अगला पड़ाव दूध नदी के भंडारी पारा स्थापित कर लिया है।
यहां भी रात भर ट्रैक्टर से रेत निकासी की जा रही हे। ग्राम पंचायत नारा व भंडारी पारा में नियम कानून को ठेंगा दिखा कर खनन किया जा रहा है। पत्रिका टीम की पड़ताल में ग्राम पंचायत नारा महनदी में तथा भंडारी पारा दूध नदी में अवैध ढंग से खनन स्पष्ट तौर पर दिखा। ग्राम पंचायत के नाम पर यहां रेत खदान स्वीकृति है। ग्राम पंचायत की ओर से स्वीकृत खदान में मजदूरों से रेत का खनन किया जाना है। जबकि नदी में कुछ दूर जहां रेत खदान स्वीकृत नहीं है वहां पर दो-दो जेसीबी मशीनों को लगाया गया है। सैकड़ों हाइवा रेत रात-दिन यहां से दुर्ग और भिलाई के लिए परिवहन किया जा रहा है।
ग्राम पंचायत के नाम पर दस्तावेज में रेत खदान स्वीकृत है। जबकि संचालन रसूखदार भाजपा नेता द्वारा किया जा रहा है। मजे की बात यह कि जब प्रशासन सभी रेत खदानों में मशीन के उपयोग पर पाबंदी लगा दी हो तो नारा की रेत खदान में जेसीबी मशीन का उपयोग कैसे किया जा रहा है। लाखों की रेत रायल्टी पर भी डाका डाला जा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि खनिज विभाग के अफसरों को नारा में मशीन रेत खनन की सूचना देने के बाद भी किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की जा रही है।
यानी सफेदपाशों के खिलाफ खनिज विभाग कार्रवाई करने से परहेज कर रहा है। ऐसे में नियम कानून को धता बताते हुए खुलेआम रेत का खनन किया जा रहा है। ग्राम पंचायत को सिर्फ दो सौ की रायल्दी अदा की जा रही है। जबकि एक हाइवा से दो हजार से तीन हजार रुपए की अवैध वसूली हो रही है। प्रशासन द्वारा रसूखदार रेत माफिया के खिलाफ कार्रवाई नहीं करता आम जनमानस में चर्चा का विषय है।