अब चारामा वन परिक्षेत्र के ग्राम मैनखेड़ा के जंगल के आसपास पंजे के निशान मिले हैं। उससे बाघ के आमद-रफ्त की पुष्टि हो गई है। इसके बाद मैनखेड़ा,भोथा व आसपास क्षेत्र के गांवों में दहशत का माहौल बना हुआ है। गांव वालों को जंगल में जाने पर रोक लगा दी गई है। जानकारी अनुसार बालोद जिले के वन विभाग की टीम पंजों के निशान के अनुसार जंगल में सर्चिंग कर रही है।
वहीं वन विभाग कांकेर के भानुप्रतापपुर, चारामा व कोरर परिक्षेत्र की टीम भी इस सर्चिंग में लग गई है। इस दौरान वन विभाग चारामा व कोरर की टीम ग्राम भोथा पहुंची जहां पर हाईस्कूल मैदान से पहाड़ी जंगल की ओर जाने वाली कच्ची सडक़ के आगे शम्भू नाग के खेत में भी बाघ के पंजे के निशान मिले हैं, जो गुजरते हुए वन क्षेत्र की ओर जाने की जानकारी मिल रही है। हालांकि अब तक बाघ किस जंगल में है, इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है।
वन परिक्षेत्र चारामा के डिप्टी रेंजर, विजय सिन्हा ने बताया कि पंजे के निशान से बाघ के आमद की पुष्टि हो गई है। सुबह मैनखेड़ा के जंगल के आसपास पंजे के निशान मिले थे, दोपहर बाद ग्राम भोथा के खेतों में भी बाघ के पंजे के निशान मिले हैं। वन विभाग की टीम द्वारा लगातार सर्चिंग जारी है।