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कांकेर

एकल शिक्षक को लेकर ग्रामीणों ने की बैठक, बोले- सुधार नहीं हुआ तो एक सप्ताह में करेंगे चक्काजाम

अंतागढ़ और कोयलीबेड़ा ब्लॉक में शिक्षकों की कमी को देखतेे हुए पालकों के साथ ग्रामीणों ने बैठक कर चर्चा की।

कांकेरOct 10, 2019 / 03:37 pm

Bhawna Chaudhary

एकल शिक्षक को लेकर ग्रामीणों ने की बैठक, बोले- सुधार नहीं हुआ तो एक सप्ताह में करेंगे चक्काजाम

एकल शिक्षक को लेकर ग्रामीणों ने की बैठक, बोले- सुधार नहीं हुआ तो एक सप्ताह में करेंगे चक्काजाम

कांकेर. अंतागढ़ और कोयलीबेड़ा ब्लॉक में शिक्षकों की कमी को देखतेे हुए पालकों के साथ ग्रामीणों ने बैठक कर चर्चा की। शालाओं में शिक्षकों की स्थिति से अवगत करते हुए एसडीएम से कहा एक सप्ताह में सुधार नहीं हुआ तो चक्काजाम करने के लिए मजबूर होंगे। लिखित पत्र देते हुए ग्रामीणों ने कहा कि 15 अक्टूबर तक एकल शिक्षकों का संकट दूर नहीं हुआ तो 16 अक्टूबर को धरना प्रदर्शन और चक्काजाम के लिए ग्रामीण बाध्य होंगे।

ग्रामीणों से चर्चा के दौरान विश्राम सिंह गावड़े ने कहा कि अंतागढ़ और कोयलीबेड़ा ब्लॉक के स्कूली छात्र-छात्राओं के साथ भेदभाव किया जा रहा है। कांकेर, चारामा और नरहरपुर ब्लॉक के स्कूलों में शिक्षकों की संख्या अधिक है। इन ब्लॉकों में तो एक-एक प्राथमिक शालाओं में तीन-तीन शिक्षक हैं, जो कोयलीबेड़ा और अंतागढ़ की शालाओं की अपेक्षा अधिक हैं। बार-बार शासन प्रशासन को अवगत करने के बाद भी शिक्षक का बंदोबस्त नहीं किया जा रहा है। एकल शिक्षक होने के कारण पठन पाठन पर असर पड़ रहा है। अंचल के शालाओं में तो आधा से अधिक समय शिक्षकों का सरकारी काम में खत्म हो जाता है।

ऐसे में हम गरीब किसानों के बच्चों के साथ अन्याय हो रहा है। गावड़े ने कहा कि इसी विषय को लेकर बुधवार को अंतागढ़ में ग्रामीणों और पालकों के साथ चर्चा किया गया। इस दौरान सामूहिक तौर पर निर्णय लिया गया कि अब हम भेदभाव नहीं सहेंगे। न्याय के लिए अब धरना प्रदर्शन और चक्काजाम किया जाएगा। किसी ब्लॉक में एक से अधिक शिक्षक तो किसी शाला में वर्षों से एकल शिक्षक सेवा दे रहे हंै।

ग्रामीणों ने बताया कि कुछ शाला ऐसी भी हैं जहां शिक्षक तैनात होने के बाद भी कभी बच्चों को पढ़ाने के लिए नहीं आते हंै। हम आदिवासियों के बच्चों के साथ अन्याय किया जा रहा है। शिक्षक की व्यवस्था जब तक नहीं हो जाती तब तक आंदोलन होगा। अंतागढ़ क्षेत्र के ग्रामीण अब विरोध प्रदर्शन के तौर पर बुनियाद रख दी है। शिक्षकों का बंदोबस्त नहीं करने के लिए शिक्षा विभाग के आलाधिकारी जिम्मेदार है। विरोध प्रदर्शन के अलावा अब कोई विकल्प नहीं है।

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