माइंस में लगे ट्रकों से उड़ रही धूल से प्रभावित ग्राम कोदागांव, कुहचे और कोहकापाल के ग्रामीणों ने बताया कि ओवर लोड तेज रफ्तार दौड़ रहे वाहनों के चलते ग्रामीण परेशान हैं। प्रतिदिन चारगांव मेटाबोदली माइंस में तीन सौ से अधिक ट्रक दौड़ रही हैं। हर रोज ट्रकों की कतार लगी रहती है। ट्रक जैसे से गुजरती है, धूल का गुब्बार भी उठता जाता है।
रात-दिन यह क्रम बना रहता है। इससे लोगों को परेशानी होती है। ग्रामीणों के विरोध के चलते 4 अक्टूबर को प्रभावित गांवों से होकर परिवहन बंद कराए जाने का आदेश एसडीएम ने जारी किया था। अचानक इस आदेश के दूसरे दिन एसडीएम ने उसे रद्द कर दिया। यह सब माइंस माफिया के इशारे पर हो रहा है। आसपास के ग्रामीणों की आवाज को दबाया जा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि माइंस खुलने से पहले ग्रामीणों को आश्वासन दिया गया था कि उन्हें तमाम तरह की सुविधाएं मिलेंगी। काफी दिनों बाद इस माइंस से परेशानी के अलावा ग्रामीणों को कुछ नहीं मिला। माइंस के चलते लोगों को स्वांस लेने में परेशानी हो रही है।
सडक़ों पर दौड़ रहे ट्रकों के चलते हमेशा हादसा की आशंका बनी रहती है। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि 12 टन क्षमता वाली प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ पर माइंस के 35 टन क्षमता वाले ट्रक दौड़ रहे हैं। प्रति दिन करोड़ों का खनन करने वाली कम्पनी ग्रामीणों को किसी प्रकार की सुविधाएं नहीं दे रही है। इस दौरान कोदागांव सरपंच सरिता, रामबाई सलाम, सनन दर्रो, देवकी बाई, कलावती, पार्वती बाई, सुनिता, सावित्रि, उर्मिला, रामबाई, शिशुपाल, रामकुमार, प्यारेलाल, तुलसी राम, धरमूराम, माखन लाल, अजय नेताम, लच्छन दुग्गा, फरसूराम उइके, रामप्रसाद उसेंडी, नंदलाल दर्रो, हेमंत आदि लोग उपस्थित थे।