बता दें कि शहरवासियों की शिकायत पर पत्रिका ने 31 मार्च के अंक में प्रमुखता से समाचार प्रकाशित कर शासन-प्रशासन को अवगत कराया था। नगर पालिका द्वारा शहर के बाइपास मार्ग स्थित दूध नदी में पुल के पास शहर से निकली गंदगी को डंप किया जा रहा है। पत्रिका ने पड़ताल किया तो पाया कि यहां पालिका के वाहन प्रतिदिन रात 8 से 9 बजे के बीच मटन मार्केट से निकलने वाले पशु अपशिष्ट को लेकर पहुंचता है और जहां-तहां डंप कर देता है। इस अपशिष्ट को छुपाने के लिए पॉलीथिन का सहारा लेकर जलाने की कोशिश की जाती है।
जबकि नियम के आधार पर इस तरह मटन मार्केट से निकलने वाले अपशिष्टों को एसआरएलएम सेंटर में डंप किया जाना है। जहां इन अपशिष्टों से जैवकि खाद्य तैयार होनी है। जैविक खाद तैयार करने के लिए यहां पर टांका बनाया गया है, ताकि अपशिष्टों से होनी वाली बीमारी से बचा जा सके। जबकि पालिका प्रशासन खुले में पशु अपशिष्टों को फेंक शहर में बीमारी फैला रही है। दूध नदी किनारे बसे राजेश यादव, सविता रज्जक, दिनेश कुमार प्रधान, सुख्खूराम यादव, चुन्नू राम, ईश्वर कावड़े, राजेश साहू, देवेन्द्र साहू, सरिता रामटेके सहित अन्य ने बताया कि पालिका द्वारा पिछले कई महीनों से मटन मार्केट से निकलने वाले अपशिष्ट को यहां पर डंप कर रही है। इससे उन्हें घर में रहना मुश्किल भरा हो गया है। यदि समय रहते पालिका यहां गंदगी फेंकना बंद नहीं करती है तो नपा का घेराव करने बाध्य होंगे।
पालिका स्वयं फैला रही शहर में प्रदूषण
नगर पालिका जिस तरह के कचरों को खुले स्थानों पर फेंक रही है उससे नगर पालिका स्वयं ही शहर में प्रदूषण फैला रही है। बता दें कि इस तरह के प्रदूषण को खुले स्थान पर फेंक दिए जाने से आसपास के लोगों को कई तरह की बीमारियां होने की संभावना है, बावजूद नगर पालिका द्वारा खुले में अपशिष्ट को डालकर नियमों की धज्जियां उड़ा रही है।
अपशिष्ट से जंगली जानवरों का बढ़ा खतरा
वार्डवासियों ने बताया कि खुले में मटन मार्केट से निकलने वाली गंदगी को फेंके जाने से यहां जंगली जानवरों का खतरा रहता है। रात के समय अक्सर लकड़बघा यहां पहुंचते हैं। जिसके चलते लोगों को रात के समय में यहां से गुजरना किसी खतरे से खाली नहीं है। वहीं देखा गया है कि कुत्तों का झुंड भी यहां भारी मात्रा में डेरा डाले रहते हैं।