ये भी पढ़ें- अखिलेश-मायावती के लिए यह क्या बोल गए डिप्टी सीएम, सपा में मचा हड़कंप याद दिलाया लखनऊ में फेंके गए आलू का किस्सा- आलू किसानों के आक्रोश को लेकर उन्होंने बीते वर्ष का वह किस्सा दोहराया जब विधानसभा के सामने कई सड़े हुए आलू फेंक दिए गए थे। उन्होंन कहा कि जब किसान का आलू सरकार ने नहीं खरीदा तो समाजवादी पार्टी के नए साथी उन सड़े हुए आलू को लेकर लखनऊ आ गए और राजभवन व विधानसभा के सामने डाल दिए। अगले दिन वहां आलू तो दिखे, लेकिन मुख्यमंत्री आवास के सामने नहीं दिखे। लगता है कि वहां उन्होंने अच्छा आलू भेज दिया था। उन्होंने आगे कहा कि संकट पहले भी था और अब भी है लेकिन, सरकार जब तक सामने नहीं आएगी तब तक किसानों का भला नहीं होगा।
ये भी पढ़ें- योगी सरकार की धमाकेदार घोषणा, अब बनेगी इस महान हस्ती की प्रतिमा ..जब लगे डिंपल भाभी जिंदाबाद के नारे- वहीं मंच पर जब कन्नौज से लोकसभा सांसद व अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव मंच पर आईं, तो सपाईयों ने जोर-जोर से ‘डिंपल भाभी जिंदाबाद’ के नारे लगाने शुरू कर दिए। कुछ पलों के लिए तो ठीक था, लेकिन जब अखिलेश यादव ने दोबारा अपना संबोधन शुरू किया और किसानों की बात करनी चाही, तब भी यह नारे बाजी होती रही। अखिलेश ने यह देख तुरंत सबसे कहा कि अच्छा आपका स्वागत हो गया। आप सबका धन्यवाद। डिंपल की तरफ से भी और हमारी तरफ से भी आप सभी का धन्यवाद। हालांकि साल की शुरुआत में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की तरह वो सपाईयों पर गुस्से से बरसे नहीं, लेकिन संबोधन के बीच रोक-टोक से कुछ पलों के लिए उनकी नाराजगी साफ दिखी।