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कन्नौज

सवा करोड़ के चक्कर में पति-पत्नी ने रची ये साजिश, जब पुलिस ने खोला राज तो उड़ गए होश…

सवा करोड़ के चक्कर में पति-पत्नी ने रची ये साजिश, जब पुलिस ने खोला राज तो उड़ गए होश…

कन्नौजNov 09, 2017 / 04:32 pm

Ruchi Sharma

kannauj

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कन्नौज. कन्नौज में एक बैंक कैशियर अपने ही अपहरण की रची साजिश में वह खुद फंस गया। इस मामले का खुलासा करते हुए पुलिस ने अभियुक्त को जेल भेज दिया। तालग्राम भारतीय स्टेट बैंक शाखा के कैशियर ने पत्नी संग मिलकर खुद के अपहरण की साजिश रची थी। अभी तक उसके सेना में भर्ती कराने के नाम पर युवकों से सवा करोड़ रुपये लेने की बात सामने आई है। पुलिस ने झूठी सूचना देने में पत्नी को भी आरोपी बनाया गया है। उसकी तलाश में छापेमारी हो रही है।
कन्नौज एएसपी केसी गोस्वामी की माने तो मूल रूप से ठठिया के सिखवापुर व वर्तमान में कानपुर के चकेरी थानांतर्गत घाऊखेड़ा इलाके में होशियार सिंह कॉलोनी निवासी बैंक कैशियर रामकुमार वायुसेना से सेवानिवृत्त होने के बाद एसबीआई तालग्राम शाखा में कैशियर पद पर तैनात हुआ था।
कानपुर स्थित कॉलोनी में उसकी मुलाकात जिला चित्रकूट के थाना पहाड़ी अंतर्गत प्रसिद्धपुर निवासी अविनाश सिंह से हुई। कैशियर के पड़ोस में किराये पर रहने वाले अविनाश ने खुद को सेना में नायब सूबेदार बताकर युवकों को भर्ती कराने की बात कही।
इस पर रामकुमार ने रिश्तेदारों समेत 25 युवकों को सेना में नौकरी दिलाने की बात रखी। इसमें सवा करोड़ रुपये में सौदा तय हुआ। कुछ युवकों से पांच लाख रुपये समेत शैक्षिक प्रमाणपत्र भी जमा करवा लिए गए। काफी समय बीतने के बाद नौकरी नहीं मिली तो उन्हें ठगी का अहसास हुआ। रुपये मांगे तो अविनाश टालमटोल करने लगा। युवकों ने बैंक कैशियर पर रुपये देने का दबाव बनाया। इससे वह परेशानी व तनाव में आ गया।
परेशान रामकुमार ने अपनी पत्नी मालती देवी के साथ मिलकर खुद के अपहरण की साजिश रच डाली। तीन नवंबर 2017 को बैंक कैशियर अपने सहयोगी की मदद से ठठिया के सत्सार गांव से एक्सप्रेस-वे अंडरपास पर बाइक व मोबाइल छोड़ गायब हो गया। उसकी पत्नी मालती ने पति के अपहरण की झूठी सूचना देकर अविनाश व उसके भाई आशीष के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई।
बैंक कैशियर को तलाशने के लिए कई जगह खोजबीन की गई पर कुछ सुराग नहीं लगा। एसपी हरीश चंदर ने थानाध्यक्ष को फौरन खुलासा करने की हिदायत दी तो पड़ताल में सच्चाई सामने आ गई। मंगलवार देर रात ठठिया थानाध्यक्ष तारिक खान ने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस से निर्माणाधीन मंडी के समीप बैंक कैशियर को गांव जाते समय पकड़ लिया। पूछताछ में उसने साजिश रचने की सच्चाई कबूली।
खुद को बताया बेकसूर

बैंक कैशियर रामकुमार के अपहरण की सूचना पर परिजन व रिश्तेदार भी गांव पहुंच गए। इस दौरान कुछ वह लोग भी आए, जो उसको भर्ती के नाम पर रुपये दे चुके थे। इससे पुलिस को सच्चाई पता चली। वहीं, आरोपी ने खुद को बेकसूर बताते हुए सारी जिम्मेदारी अविनाश, उसके भाई आशीष की बताई है। बताया कि वह खुद ठगों के झांसे में फंसता चला गया।
ठग भाइयों की गिरफ्तारी में लगी पुलिस

बैंक कैशियर अपहरण मामले की गुत्थी सुलझने के बाद पुलिस की निगाह अब चित्रकूट के ठग भाइयों पर टिक गई है। उनकी गिरफ्तारी के लिए जाल बिछाया गया है। संभावना है कि उनको पकड़ने के बाद सेना भर्ती के नाम पर बड़ी धोखाधड़ी का सच सामने आएगा।
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