कमालगंज के पूर्व विधायक ताहिर हुसैन सिद्दीकी व फर्रुखाबाद के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष तहसीन सिद्दीकी को समाजवादी पार्टी की सदस्यता दिलाकर सपा ने भावी रणनीति की ओर इशारा कर दिया। देखा जाये तो इसे मुस्लिम वोट बैंक का बंटवारा रोकने के लिए सपा की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। आपको बताते चले कि दोनों नेताओं का छिबरामऊ विधानसभा क्षेत्र में खासा वर्चस्व है। इसके पहले यह दोनों नेता कभी सपा का ही हिस्सा हुआ करते थे लेकिन कुछ नाराजगी की वजह से इन्होंने सपा छोड़कर बसपा ज्वाइन की थी।
लेकिन अब 11 साल बाद सपा में घर वापसी करते हुए कमालगंज के पूर्व विधायक व फर्रुखाबाद के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ने अपने कई साथियों के साथ लखनऊ में समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। जिसके बाद पहली बार पहुंचे सपा पार्टी कार्यालय में ताहिर हुसैन सिद्दीकी का भाई समेत जबदस्त स्वागत किया गया। सांसद प्रतिनिधि की माने तो इन दोनों भाईयों की वापसी से सपा को बहुत मजबूती मिलेगी। फर्रुखाबाद के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ने बसपा सुप्रीमो मायावती पर कटाक्ष करते हुए कहा कि बसपा में रहकर बराबर चंदा देना पड़ता था।
हम आपको बताते चले कि इन दोनों नेताओं के रहते निकाय चुनाव में दो सीट जीतने के बाद बसपा को जिले में संजीवनी मिली थी, लेकिन इन दोनों नेताओं के पार्टी छोड़ने से झटका लगा है। सपा के रणनीतिकारों का कहना था कि इन दोनों नेताओं को शामिल कराए जाने के लिए निकाय चुनाव से रणनीति चल रही थी, लेकिन उनको निकाय चुनाव के दौरान शामिल नहीं कराया जा सका। उधर, सूत्रों का कहना है कि इस बार राष्ट्रीय अध्यक्ष के कन्नौज लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की अटकलें लगाई जा रही हैं। इस कारण अभी से पूरी फील्डिंग सजने लगी।