निश्चित समय के लिए छोड़ा गया
जिलाधिकारी ब्रह्मदेव राम तिवारी ने बताया कि उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर ट्रायल वाले बंदियों को जेल में कोई संक्रमण न हो इसके लिए यह कदम उठाया गया है। जिलाधिकारी ने बताया की जो सात साल की सजा वाले अपराधों में बंद थे उन्हें कुछ निश्चित समय के लिए छोड़ा गया है। जिलाधिकारी के मुताबिक शासन से निर्देश मिलने के बाद जिला जेल से 88 बंदी व कैदी रिहा करने की अनुमित मिली थी, जिसमें दोपहर तक कागजी प्रक्रिया पूरी करने के बाद 65 बंदियों को रिहा किया गया।
88 की होनी है रिहाई
जेल अधीक्षक आशीष तिवारी ने बताया कि शासन के निर्देश पर 273 विचाराधीन बंदी व 70 कैदियों को जेल से छोड़ने के लिए प्रस्ताव कारागार मुख्यालय को भेजा गया था। जेल मुख्यालय ने इनमें से 99 प्रस्तावों पर हरी झंडी देते हुए विशेष समिति को फैसला लेने के लिए निर्देशित किया था। विशेष समिति ने मंगलवार को कुल मिलाकर 88 बंदी व कैदियों को रिहा करने का आदेश दिया है। मंगलवार को दोपहर तक कागजी प्रक्रिया पूरी होने के बाद 65 बंदियों को रिहा किया गया है।
खुली हवा में ली सांस
कोरोना वायरस के चलते घोषित लॉकडाउन में बंदी जेल से बाहर आए तो खुली हवा में लंबी सांस ली। अपना सामान लेकर गेट से बाहर आए बंदियों ने घर की राह पकड़ी। लाॅकडाउन में कोई साधन न मिलने पर पैदल ही घर जाने की बात कही। कैदियों ने बताया कि जेल के अंदर महौल अच्छा है। कोरोना वायरस की खबर अन्य बंदी व कैदी को भी है। वहां पर सभी सावधानी बरत रहे हैं।