खाद्य पदार्थों को सडऩे से बचाने के अलावा यह एसिड दवाओं को बैक्टीरिया व फंगल से बचाने में भी कारगर साबित हुआ है। इससे दवाओं की एक्सपायरी डेट भी बढ़ सकती है, इस क्षेत्र में अभी थोड़ी रिसर्च बाकी है।
आईआईटी के १९९९ बैच के बीटेक छात्र प्रो. जी सेकर ने अपनी टीम के साथ मिलकर पेट्रोलियम वेस्ट से यह एसिड तैयार किया है। उन्होंने बताया कि इस तरह के जैविक घुलनशील पदार्थ काफी महंगे होते हैं।
अभी तक जो बेंजोइक एसिड होते हैं उनमें कुछ अंश जहरीला होता है जो इंसान की सेहत के लिए हानिकारक होता है। लेकिन पेट्रोलियम वेस्ट से तैयार यह एसिड इनवायरमेंट फ्रेंडली है और इसमें ग्रीन ऑक्सीडेंट का भी प्रयोग किया गया है।
बेंजोइक एसिड के एस्टर सुगंधित होते हैं और इससे इत्र, तेल और दवाएं भी तैयार की जा सकती हैं। इसे बनाने की प्रक्रिया काफी सस्ती है, इसलिए इससे तैयार होने वाले सभी उपयोगी पदार्थ भी सस्ते होंगे।
प्रो. सेकर का कहना है कि कई बेंजोइक एसिड में अल्कोहल, एल्डिहाइड और ईथर मिश्रण होता है, लेकिन इसमें ऐसा नहीं है। इसके चलते खाद्य पदार्थों को लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकेगा। इससे अचार, मुरब्बा और चटनी आदि को तीन साल तक सुरक्षित रखा जा सकेगा।