दिल्ली के बाद यूपी में शुरू हुई उड़ान’ प्रोजेक्ट योजना, कानपुर में अगले माह से शुरू हो जाएगी योजना
कानपुर•Jul 14, 2018 / 10:15 am•
Vinod Nigam
सीएम योगी का भिक्षा माफिया पर प्रहार, बेसहारा बच्चों को सहारा देगी सरकार
कानपुर। शहर की नहीं पूरे देश में आज भी अनाथ व बेसहारा बच्चे सुबह से लेकर देररात तक मंदिर, मस्जिद, गुरू़द्धारे, रेलवे, बस, टैम्पों स्टैंड के अलावा गली मोहल्लों में भिक्षा मांगते हुए पाए जाते हैं। जबकि इा परम्परा को रोकने के लिए अभी तक किसी सरकार ने जमीनी कदम नहीं उठाया। लेकिन एक साल पहले सीएम योगी सत्ता पर आते ही भिक्षा माफियाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आदेश पुलिस-प्रशासन को दिए हैं। साथ ही इन बच्चों को एजूकेशन से जोड़ने के लिए पूरा खर्चा सरकार उठाएगी। इसके लिए सीएम योगी आदित्नाथ ने ’उड़ान’ प्रोजेक्ट को शुरू करने का फैसला किया है। शासन स्तर पर इसके लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। शहर में 5 से 16 साल तक की आयु वाले बच्चों को चिन्हित कर उनका आधार कार्ड बनाया जाएगा। इसके साथ ही उन्हें पढ़ाने, रहने और उनको स्किल्ड बनाने का खर्च सरकार उठाएगी। वहीं दूसरे राज्यों से बच्चों को कानपुर में भीक्षा मंगवाने वालों के चेहरे भी बेनकाब हो जाएंगे, तो आधार कार्ड बनने के बाद वह अपने घरों तक पहुंच सकेंगे।
खत्म होगी भिक्षा परम्परा, पढ़ेंगे बेसहारा
सुबह के वक्त दरवाजे की कुंडी खटकाए तो लोग समझ जाते हैं कि कोई भिक्षा लेने वाला ही आया होगा। भिक्षा की परम्परा सैकड़ों साल से बदस्तूर चली आ रही है। इसी के चलते कई माफिया इन बच्चों को बकाएदा ट्रेंड करते हैं और फिर भिक्षा मांगने के लिए सड़क पर उतार देते हैं। कानपुर की ऐसी गली, तहसील, कलेक्ट्रेट, अस्पताल व अन्य सरकारी व प्राईवेट संस्थान नहीं होंगे जहां नौनिहाल हाथ में कटोरा लेकर भगवान के नाम पर दस पैसे की फरियाद करते हुए न मिल जाएं। यह गिरोह देश में मजबूती के साथ अपनी पकड़ बनाए हुए हैं। ऐसे कई माफिया सक्रिय हैं, जो छोटे च्च्चों को दूसरे राज्यों से उठाकर उनसे भीख मंगवते हैं। सूत्रों के मुताबिक शहर में ऐसे 10 से 15 गिरोह सक्रिय हैं, जो यह कार्य कर रहे हैं।
छोटे-छोटे-छोटे बच्चे गिरोहों के पास
कनपुर में डेढ़ दर्जन से ज्यादा भिक्षा गिरोह सक्रिय हैं, इनके इनके पास 100 से 150 छोटे बच्चे हैं। बेसहारा बच्चों को सहारा दे रहे सौरभ श्रीवास्तव बताते हैं कि कानपुर में ज्यादातर बच्चे छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के अलावा यूपी के बुंदेलखंड के भिक्षा के कारोबार में माफियाओं की तिजोरी भर रहे हैं। इन बच्चों को पूरी तरह से ट्रेंड किया जाता है। इसके बाद बकाएदा इनके क्षेत्रों को बंटा जाता है। जहां सुबह से लेकर देररात तक बच्चे भिक्षा मांगते हैं और रात में माफियाओं के ठिकानें में जाकर पूरी रकम दे देते हैं। बदले में इनके परिजनों को पांच से लेकर छह हजार रूपए प्रतिमाह के हिसाब से वेतन पहुंचा देते हैं। सौरभ ने बताया कि कई एनजीओ और समाजसेवी संस्थाओं के आगे आने के बाद कुछ हद तक माफियों के चंगुल से बच्चों को छुड़ाया गया है।
प्रोजेक्ट उड़ान से संवरेगा भविष्य
सीएम योगी आदित्यनाथ ने जिला प्रशासन को आदेश दिए हैं कि शहर में एक भी बच्चा भिक्षा मांगते हुए न दिखे। इसके लिए प्रोजेक्ट उड़ान योजना को यूपी में लाया गया है। इसके माध्यम से बच्चों पहचान की जाएगी। पुलिस सड़कों पर बच्चों की पहचान करेगी, जिससे नेक्सेस टूटेगा और बच्चों को सही सलामत उनके परिजनों तक भी पहुंचाया जा सकेगा। दिल्ली में इस प्रोजेक्ट के माध्यम से कई गिरोह पकड़े जा चुके हैं। इसके अलावा बाल सुधार गृह में बंद बंदियों को सुधारने के लिए अब उन्हें छूटने के बाद ट्रेस किया जाएगा. दोबारा फिर से अपराध करने से रोकने के लिए बच्चों की काउंसिलिंग और उन्हें कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा। पुलिस 5 साल के अंदर फिर से उच् बच्चों को ट्रेस करेगी और उनकी मौजूदा स्थिति का पता लगाएगी। कानपुर के बाल सुधार गृह बंदियों पर यह कार्य जल्द शुरू कर दिया जाएगा।
20 हजार बच्चे भिक्षा मांग रहे
कनपुर की बात की जाए तो वर्तमान में करीब 20 हजार बच्चे भिक्षा मांगते हुए दिख जाएंगे। जिनकी उम्र महज आठ से लेकर पंद्रह साल के बीच की है, जो भिक्षा मांगते हैं। साथ ही कुछ बच्चे रेस्टोरेंट, होटल, दुकानों, ठेले आदि पर काम करते हैं। मामले पर जिला प्रोबेशन अधिकारी, अभिषेक कुमार ने बताया कि 16 साल तक के बेसहाच बच्चों का खर्च सरकार उठाएगी। 368 लोगों को एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग के लिए ट्रेनिंग दी गई है। बताया, कानपुर नगर. ने कानपुर में उड़ान प्रोजेक्ट को शुरू करने की तैयारी अंतिम चरण में है। शहर में छोटी उम्र में काम करने वाले, बेसहाच बच्चों का डाटा जुटाया जा रहा है। जल्द ही इसे शुरू कर दिया जाएगा। कुमार के मुताबिक उनकी विधिक पहचान करने के साथ ही उनका मौके पर आधार कार्ड बनाया जाएगा। पुलिस को यह कार्य सौंपा जाएगा। दिल्ली में प्रोजेक्ट उड़ान की सफलता के बाद यूपी सरकार ने भी इसे लागू करने का प्लान तैयार कर लिया है और कानपुर में अगले माह से यह योजना शुरू हो जाएगी।