केंद्र सरकार की ओर से दी जा रही राहत के दौरान वित्तमंत्री ने पैकेज की पहली किस्त का विवरण दिया तो उसमें टीडीएस, टीसीएस में छूट की बात कही गई। वित्त मंत्री ने कहा था कि यह छूट टीडीएस, टीसीएस के सभी स्लैब्स पर लागू होगी और इससे देश भर के करदाताओं के करीब 55 हजार करोड़ रुपये बचेंगे। यह छूट 14 मई से लागू हो गई है और 31 मार्च 2021 तक इसका लाभ मिलता रहेगा। जिसके बाद गुरुवार को टीडीएस कटौती की नई दरें जारी की गईं हैं।
सिक्युरिटीज पर ब्याज और डिविडेंड से होने वाली आय पर 10 फीसदी के बजाय अब 7.5 फीसदी की दर से टीडीएस लगेगा। इसी तरह सिक्युरिटीज पर ब्याज से अतिरिक्त मिलने वाली ब्याज पर 10 के बजाय 7.5 फीसदी टीडीएस लगेगा। इस कैटेगिरी में व्यक्तिगत मामलों में अधिकतम 5 से 50 हजार तक का टैक्स लगेगा।
ठेकेदार को भुगतान पर एक की जगह 0.75 फीसदी और अन्य की ओर से भुगतान पर दो की जगह 1.50 फीसदी टीडीएस कटौती होगी। किराया पर मौजूदा 10 फीसदी की जगह 7.50 फीसदी टीडीएस कटेगा। व्यावसायिक गतिविधि के लिए अतिरिक्त दो फीसदी के बजाय 1.5 फीसदी टीडीएस देना होगा। व्यक्तिगत या एचयूएफ की ओर से किराये के भुगतान पर मौजूदा पांच के बजाए 3.75 फीसदी टीडीएस लगेगा।
एक करोड़ से ज्यादा की नकद निकासी पर दो फीसदी के बजाय 1.50 फीसदी टीडीएस लगेगा। यदि किसी ने पिछले तीन मूल्यांकन वर्ष में रिटर्न दाखिल नहीं किया है और वह 20 लाख से ज्यादा और एक करोड़ से कम की नकदी निकासी करता है तो उस पर दो फीसदी के बजाय 1.50 फीसदी टीडीएस लगेगा। वहीं, यदि किसी ने पिछले तीन मूल्यांकन वर्ष में रिटर्न दाखिल नहीं किया है और एक करोड़ से ज्यादा की नकदी निकासी करता है तो उसे मौजूदा पांच की जगह 3.75 फीसदी की दर से टीडीएस देना होगा।
टैक्स रिटर्न दाखिल करते समय करदाता ने अगर पैन या आधार नंबर की जानकारी नहीं दी है तो उसे टीडीएस में छूट का लाभ नहीं मिलेगा। ऐसे करदाताओं को आयकर अधिनियम के तहत 20 फीसदी या इससे ज्यादा टीडीएस का भुगतान करना होगा। मौजूदा समय में एक से 25 फीसदी तक की दर से टीडीएस देना होता है जो अब घटकर 0.75 फीसदी से 18.75 फीसदी तक हो गया है।