ऐसे बनता है गजकेसरी का विशेष योग उन्होंने बताया कि इस बार गुरु और चंद्रमा की युति से गजकेसरी योग बन रहा है। इस योग में सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। राखी बांधने के बाद बहनें जो मांगती हैं वह जरूर पूरी होती हैं। ज्योतिषाचार्य पंडित गौरव तिवारी ने बताया कि जब किसी की कुंडली में चंद्रमा और गुरु एक दूसरे की तरफ दृष्टि कर बैठे हों तब गजकेसरी योग बनता है। ऐसे जातक भाग्यशाली होते हैं। पंडित गौरव तिवारी के अनुसार 22 अगस्त को सुबह 6:15 से लेकर 10:34 तक शोभन योग भी लाभकारी रहेगा।
पूजन करते समय इस मंत्र का करें उच्चारण इस दिन पूजा में भाई को पूर्व मुख करके बैठाएं तथा खुद पश्चिम की ओर मुख करके, जल शुद्धि करके भाई को रोली और अक्षत का तिलक लगाकर इस “येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:,
तेन त्वां प्रतिबध्नामि रक्षे मा चल मा चल:” मंत्र का उच्चारण करते हुए राखी बांधें। वैसे तो रक्षाबंधन पर भद्राकाल का विचार अवश्य करना चाहिए, लेकिन इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा नहीं रहेगी। भद्राकाल राखी के अगले दिन यानी 23 अगस्त को सुबह 5 बजकर 34 मिनट से 6 बजकर 12 मिनट तक रहेगी। ऐसे में इस बार राखी बांधने के लिए आपको 22 अगस्त की सुबह 5 बजकर 50 मिनट से शाम 6 बजकर 03 मिनट का पूरे दिन का समय मिलेगा, जो अत्यंत शुभकारी होगा।