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कानपुर

अमेरिका में एनआरआई महिला के साइंटिस्ट पति की हुई मौत, संपत्ति पर कब्जा की नियत से किया ये फर्जीवाड़ा

इस फर्जीवाड़े का खुलासा होने पर अब अफसरों में हडकंप मचा हुआ है, एक दूसरे को जिम्मेदार ठहराने में जुटे हैं।

कानपुरOct 09, 2021 / 03:45 pm

Arvind Kumar Verma

अमेरिका में एनआरआई महिला के साइंटिस्ट पति की हुई मौत, संपत्ति पर कब्जा की नियत से किया ये फर्जीवाड़ा

अमेरिका में एनआरआई महिला के साइंटिस्ट पति की हुई मौत, संपत्ति पर कब्जा की नियत से किया ये फर्जीवाड़ा

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
कानपुर. अमेरिका (NRI Lady Fraud Case) में रहने वाली वृद्धा द्वारा अपने अमेरिकी साइंटिस्ट पति (American Scientist) की मृत्यु के बाद उनकी गोरखपुर की संपत्ति (Fraud in Property) पर कब्जा की नियत से फर्जीवाड़ा कर पारिवारिक सदस्यता प्रमाण पत्र (Family Membership Certificate) बनवा लिया। फिलहाल 77 वर्षीय वृद्धा अमेरिका वापस हो गई। इस फर्जीवाड़े का खुलासा होने पर अब अफसर एक दूसरे को जिम्मेदार ठहराने में जुटे हैं। कानपुर में समाज कल्याण विभाग (Samaj Kalyan vibhag) की योजनाओं में हुए घोटाले के बाद एक और मामला सामने आया है। मामले को लेकर अफसरों में हड़कंप मचा हुआ है।
दरअसल गोरखपुर निवासी ज्ञानेश्वर प्रसाद खरे और कानपुर के स्वरूप नगर की रहने वाली कामिनी खरे का विवाह वर्ष 1969 में कानपुर में हुआ। शादी के बाद दोनों अमेरिका में जाकर रहने लगे। दंपति के एक बेटा समीर कुमार खरे और एक बेटी मोनिका खरे है। आपसी विवाद के चलते वर्ष 1990 में सुपीरियर कोर्ट ऑफ कैलिफोर्निया, काउंटी ऑफ ऑरेंज से दोनो का तलाक हो गया।
वहीं 2018 में ज्ञानेश्वर की मौत हो गई। इसके बाद गोरखपुर में ज्ञानेश्वर की संपत्ति पर कब्जे की नीयत से कामिनी भारत आई और गोरखपुर में पारिवारिक सदस्यता प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आवेदन किया, लेकिन लेखपाल ने तलाक होने और स्थानीय निवासी न होने के आधार पर रिपोर्ट लगाकर आवेदन खारिज कर दिया। इसके बाद कामिनी ने स्वरूप नगर के बाबू विहार निवासी अपने भाई गोविंद के घर आकर इसी पते से आधार कार्ड बनवा लिया। आधार कार्ड द्वारा एसडीएम के यहां पारिवारिक सदस्यता प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया।
कामिनी ने शपथपत्र में खुद को ज्ञानेश्वर की पत्नी, समीर को पुत्र व मोनिका को पुत्री दिखाया। वहीं मृत्यु प्रमाण पत्र से तलाक शब्द को मिटा दिया गया। इसमें सांठगांठ का मामला सामने आया। फिर लेखपाल की जांच रिपोर्ट के आधार पर 20 जुलाई 2020 को तलाकशुदा पत्नी कामिनी के नाम पर पारिवारिक सदस्यता प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया। इसके बाद उन्होंने गोरखपुर की कुछ संपत्ति बेच भी दी है।

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