कुत्ते मरने की सूचना पर पहुंची पशु चिकित्सा टीम वहीं पशु चिकित्सक डॉ. सर्वेंद्र सचान ने बताया कि भीतरगांव विकास खंड क्षेत्र के रिंद नदी किनारे बसे क्योंटरा गांव में लगातार कुत्तों के मरने की सूचना मिल रही थी। बुधवार को गांव पहुंचकर ग्रामीणों से कुत्तों के मरने के विषय में जानकारी ली। जिसके बाद उच्च अधिकारियों के आदेश पर दो मृत कुत्तों का पोस्टमार्टम किया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दोनों मृत कुत्तों की आंत में संक्रमण पाया गया है। जिससे आंत सड़ गई थी। आंत सड़ने से पेट के अंदर खून की मात्रा मिली। मरने से पहले कई कुत्तों ने खून की उल्टियां भी की थीं। डॉ. सचान के मुताबिक पार्वो वायरस से बड़े जानवरों को कोई खतरा नहीं है, लेकिन छोटे जानवरों के लिए यह वायरस गंभीर (Paarvo Dangerous Virus) खतरा पैदा कर सकता है। इसमें पहले कुत्तों को खून की उल्टियां और फिरमौत हो जाती है। उन्होंने बताया कि बताया कि केवल क्योंटरा गांव में बीते चार दिन में आठ कुत्तों की मौत हुयी है।
पार्वो वायरस के बारे में जानिए उन्होंने बताया कि कुत्तों में होने वाली बीमारियों में पार्वो वायरस बेहद घातक है। यह एक वायरल बीमारी है और समय पर उपचार न मिलने से कुत्तों की मौत तक हो जाती है। उन्होंने कहा कि इस वायरस से बचाने के लिए तीन टीके लगाए जाते हैं। इनमें पहला टीका पिल्ले को डेढ़ महीने की अवस्था में, दूसरा ढाई और तीसरा टीका साढ़े तीन महीने की उम्र में लगाया जाता है।
पशु चिकित्साधीक्षक बोले कि राजकीय पशु चिकित्सालय भीतरगांव के चिकित्साधीक्षक डॉ. ओपी वर्मा (Animal Doctor) ने बताया कि इस वायरस से संक्रमित होने पर कुत्ता अजीब तरह से क्रिया कलाप करता है। इस वायरस के प्रभाव से कुत्ता खांसने लगता है, छींकें आती हैं, कुत्ता भोजन नहीं करता। पानी नहीं पीता और उसकी नाक में सूखापन आ जाता है। इससे आंतों में संक्रमण हो जाता है। जिस कारण कुत्ते को खूनी उल्टी-दस्त होने लगते हैं। और उनकी मौत हो जाती है। लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है। वैक्सीनेसन से उपचार संभव है। इसलिए समय पर अपने पालतू जानवरों का टीकाकरण जरूर करवाएं।