छत्तीसगढ़ में शहर का नाम किया रोशन
हरवंश यादव कानपुर वन विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हैं। उन्होंने छत्तीसगढ़ के रायपुर में स्वामी विवेकानंद स्टेडियम में आयोजित ऑल इंडिया फॉरेस्ट स्पोट्र्स गेम्स २०१९ में दौड़ प्रतियोगिता में भाग लिया और दो कांस्य पदक जीते। वह १९८९ में तैनात हुए थे।
हरवंश यादव कानपुर वन विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हैं। उन्होंने छत्तीसगढ़ के रायपुर में स्वामी विवेकानंद स्टेडियम में आयोजित ऑल इंडिया फॉरेस्ट स्पोट्र्स गेम्स २०१९ में दौड़ प्रतियोगिता में भाग लिया और दो कांस्य पदक जीते। वह १९८९ में तैनात हुए थे।
असफलता ने दिलाया नया संकल्प
पहली बार हरवंश ने २००२ में देहरादून में एथलेटिक्स प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था, लेकिन कोई पदक हासिल न कर सके। लेकिन वे निराश नहीं हुए बल्कि पदक जीतने का संकल्प लेकर दोगुने उत्साह से तैयारी में जुट गए। जिसका नतीजा २००६ में सामने आया जब उन्हें पहली कामयाबी मिली। उन्होंने जयपुर में ऑल इंडिया फॉरेस्ट गेम्स में १५०० मीटर दौड़ में पदक जीता। इसके बाद से वह लगातार पदक जीतते चले आ रहे हैं।
पहली बार हरवंश ने २००२ में देहरादून में एथलेटिक्स प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था, लेकिन कोई पदक हासिल न कर सके। लेकिन वे निराश नहीं हुए बल्कि पदक जीतने का संकल्प लेकर दोगुने उत्साह से तैयारी में जुट गए। जिसका नतीजा २००६ में सामने आया जब उन्हें पहली कामयाबी मिली। उन्होंने जयपुर में ऑल इंडिया फॉरेस्ट गेम्स में १५०० मीटर दौड़ में पदक जीता। इसके बाद से वह लगातार पदक जीतते चले आ रहे हैं।
सेहत का रखते पूरा ख्याल
वन विभाग में ड्यूटी के साथ-साथ हरवंश अपनी सेहत का भी पूरा ख्याल रखते हैं। आज भी वह रोज पांच किलोमीटर तक दौड़ लगाते हैं। इसके अलावा खानपान में भी वह लापरवाही नहीं बरतते और पूरी तरह खुद को फिट रखते हैं। इसी कारण वह लगातार दौड़ प्रतियोगिताओं में खुद को साबित कर पाते हैं।
वन विभाग में ड्यूटी के साथ-साथ हरवंश अपनी सेहत का भी पूरा ख्याल रखते हैं। आज भी वह रोज पांच किलोमीटर तक दौड़ लगाते हैं। इसके अलावा खानपान में भी वह लापरवाही नहीं बरतते और पूरी तरह खुद को फिट रखते हैं। इसी कारण वह लगातार दौड़ प्रतियोगिताओं में खुद को साबित कर पाते हैं।
इसी साल होंगे रिटायर
हरवंश इसी साल ड्यूटी से रिटायर होने वाले हैं। विभागीय अधिकारी उनकी तारीफ करते नहीं थकते। खुद को फिट रखने के साथ दौड़ प्रतियोगिताओं में पदक जीतकर उन्होंने शहर के साथ-साथ विभाग का नाम भी रोशन किया है। सभी को उन पर गर्व है। उन्होंने २००६ में जयपुर में स्वर्ण, २००८ में लखनऊ में रजत, २०१३ में हरियाणा में स्वर्ण और २०१४ से २०१८ तक रजत और कांस्य पदक जीते हैं।
हरवंश इसी साल ड्यूटी से रिटायर होने वाले हैं। विभागीय अधिकारी उनकी तारीफ करते नहीं थकते। खुद को फिट रखने के साथ दौड़ प्रतियोगिताओं में पदक जीतकर उन्होंने शहर के साथ-साथ विभाग का नाम भी रोशन किया है। सभी को उन पर गर्व है। उन्होंने २००६ में जयपुर में स्वर्ण, २००८ में लखनऊ में रजत, २०१३ में हरियाणा में स्वर्ण और २०१४ से २०१८ तक रजत और कांस्य पदक जीते हैं।