शव यात्रा निकालकर रखीं मांगें
कर्मियों ने शव यात्रा को पूरे नगर में निकाला। राम नाम सत्य है, पेंशन मेरा हक है, आदि स्लोगन लिखी तख्तियां हांथो मे लेकर कर्मचारियों ने सड़क पर आंदोलन कर विरोध जताया है। इसके पश्चात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम ज्ञापन भेजा गया। जिसमें शिक्षको ने नई पेंशन व्यवस्था को समाप्त कर पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाली की जोरदार ढंग से मांग रखी है।
आंदोलन ले सकता है बड़ा रूप
अटेवा समूह के कर्मियों ने पुरानी पेंशन बहाली को लेकर जिला मुख्यालय में एक विशाल बैठक कर विरोध प्रदर्शन के तहत शव यात्रा निकाल शासन से मांग करने का निर्णय लिया। जिसके तहत शव यात्रा निकालने के बाद मंडल अध्यक्ष कुलदीप सैनी ने सम्बोधित करते हुए कहा कि नई पेंशन स्कीम शिक्षक व कर्मचारियों के साथ धोखा है, जिसमें वेतन भोगी के परिवार का भविष्य असुरक्षित है। इसमे ग्रेच्युटी व पारिवारिक पेंशन जैसी कोई सुविधा नहीं है। यह कर्मचारियों के साथ महज छल है और पुरानी पेंशन में ही शिक्षक व कर्मचारियों का सम्मान है। पूरा जीवन सरकार को देने के बाद बुढापा पेंशन विहीन कर दिया गया है। जबकि नई पेंशन स्कीम बाजार से जुड़ी है। जिला संयोजक प्रदीप यादव ने कहा कि पुरानी पेंशन समाप्त होने से प्रदेश के 13 लाख अधिकारी, शिक्षक व कर्मचारी भारी निराशा व्याप्त है। जिसके लिए शिक्षक व कर्मचारियों को एकजुट होकर संघर्ष करना होगा। अगर हम लोगों की मांगें स्वीकार नहीं की जाएगी तो यह आंदोलन बड़ा रूप भी ले सकता है।
अटेवा के कानपुर मंडल अध्यक्ष कुलदीप सैनी ने कहा कि सरकार द्वारा नई पेंशन स्कीम शिक्षकों व कर्मचारियों के भविष्य को देखते हुए अनुचित है। पुरानी पेंशन बहाली को लेकर संघर्ष किया जा रहा है, जो आगे भी जारी रहेगा।