कानपुर में अलकायदा से संबंध रखने वालों की मौजूदगी सामने आने के बाद पुलिस को हाईअलर्ट कर दिया गया है। इसके चलते रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, बाजारों और भीडभाड़ वाले स्थानों में पुलिस सक्रिय हो गई है। एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि एटीएस की टीमों ने रविवार को लखनऊ में रिंग रोड स्थित बगारिया, जेहटा बरावन कला, दुबग्गा निवासी मिनहाज अहमद व सीतापुर रोड स्थित मोहिबुल्लापुर निवासी मसीरुद्दीन उर्फ मुशीर को गिरफ्तार किया है। दोनों के पास से प्रेशरकुकर बम, अर्धनिर्मित बम के साथ ही भारी मात्रा में गोला-बारूद मिला है।
पूछताछ में पता चला कि ये आतंकी संगठन अलकायदा समॢथत अंसार गजवातुल हिंद के सदस्य हैं। यह भी सामने आया है कि इनके गिरोह के कई सदस्य कानपुर में हैं, जो 15 अगस्त को प्रदेश को दहलाने की साजिश में सहयोगी थे। इस सूचना के बाद यूपी एटीएस की तीन टीमें आनन फानन कानपुर भेजी गईं। एटीएस कानपुर और कमिश्नरेट पुलिस के साथ मिलकर इन टीमों ने संदिग्धों की तलाश शुरू की। सूत्रों के मुताबिक टीमों को शुरूआती सफलता भी मिली है। जाजमऊ और बेकनगंज के पेचबाग क्षेत्र से एक-एक युवक को हिरासत में लिए जाने की सूचना है। हालांंकि एटीएस सूत्र इस पर कुछ बोलने से फिलहाल परहेज कर रहे हैं।
हालांकि एटीएस ने दुबग्गा चौराहे के पास जिस इलाके से अलकायदा आतंकियों को गिरफ्तार किया है, उसी इलाके में स्थित हाजी कालोनी में आतंकी सैफुल्लाह का एनकाउंटर एटीएस ने किया था। बाद में एटीएस ने कानपुर से ही दो संदिग्ध आतंकियों इमरान और फैजल को भी गिरफ्तार किया था। पुलिस आयुक्त असीम अरुण ने बताया कि लखनऊ में पकड़े गए आतंकवादियों से पूछताछ में कानपुर में भी गिरोह के कई सदस्य छिपे होने की बात सामने आई है। सूचना मिलते ही सबसे पहले भीड़भाड़ वाले स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई है। इसके अलावा एटीएस के इनपुट पर उन लोगों को पकडऩे की कोशिश की जा रही है, जो यहां छिपे हैं।