दुकान से घर जा रहे थे विजय
कल्याणपुर थाना इलाके के रावतपुर गांव में रहने वाला विजय यादव की फर्नीचर की दुकान है। विजय पूर्व में बजरंग दल का जिला संयोजक थे। शुक्रवार देर शाम करीब आठ बजे विजय अर्मापुर थाना के पीछे मजार के पास रक्तरंजित हालत में पड़ा देख राहगीरों ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर सीओ नजीराबाद सूर्य प्रताप सिंह व अर्मापुर थानाध्यक्ष फोर्स के साथ पहुंचे और लहूलुहान हालत लेकर रीजेंसी हॉस्पिटल गए, जहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। बजरंग दल के पूर्व संयोजक की हत्या की जानकारी मिलते ही भारी संख्या में बीजेपी, बजरंग दल, विश्व हिन्दू परिषद सहित कई संगठनों के पदाधिकारी व कार्यकर्ता पहुच गये और हत्यारों को जल्द पकड़ने की मांग करने लगे। पुलिस ने किसी तरह से उन्हें समझाते हुए शांत कराया और कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिलाया।
धारदार हथियार से शरीर पर कई वार
हत्या की जानकारी पर एसएसपी अखिलेश कुमार मीणा भी पहुंच गये और परिजनों से पूछताछ की। एसएसपी ने बताया कि धारदार हथियार से वार कर हत्या की वारदात को अंजाम दिया गया है। एसएसपी के मुताबिक आरोपियों ने विजय यादव पर संभवता चापड़ के जरिए हमला किया। मृतक के शरीर पर कई गहरे जख्म है। शुरूआती पूछताछ में मृतक की किसी से पुरानी रंजिश की बात सामने आ रही है। संभवतः इसी के चलते पूर्व जिला संयोजक की हत्या होने के बिन्दु पर जांच शुरू करते हुए पुलिस मृतक के परिजनों की ओर से मिली तहरीर के आधार पर कार्रवाई में जुट गई है।
मरा समझ कर भाग गए आरोपी
पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने विजय यादव पर हमला किया। धारदार हथियार से वार कर उन्हें मृत समझ कर भाग खड़े हुए। वहीं राहगीरों के मुताबिक विजय रक्तरंजित हालत में तड़प् रहा था। पास पहुंचने पर उसकी सांसे चल रही थी। सूचना के आधे घंटे के बाद पुलिस पहुंची और अधिक खून बह जाने के चलते उसकी मौत मौके पर ही हो गई थी। वहीं मृतक के परिजनों का कहना है कि विजय निकाय चुनाव के वक्त भाजपा के साथ था और प्रचार के लिए भी गया। उसका मोहल्ले व पड़ोसियों के साथ कोई विवाद नहीं था।