scriptबैंक ऑफ इंडिया फ्रॉड केस: तीन पर कार्रवाई के बाद ८ और अफसर संदेह के घेरे में | Bank of India fraud case in Kanpur | Patrika News
कानपुर

बैंक ऑफ इंडिया फ्रॉड केस: तीन पर कार्रवाई के बाद ८ और अफसर संदेह के घेरे में

संपत्ति की जांच में जुटी टीम, विजिलेंस को भी दी गई रिपोर्ट
पूर्व में तैनात अधिकारी और कर्मचारी जांच टीम की रडार पर

कानपुरMar 20, 2020 / 11:08 am

आलोक पाण्डेय

बैंक ऑफ इंडिया फ्रॉड केस: तीन पर कार्रवाई के बाद ८ और अफसर संदेह के घेरे में

बैंक ऑफ इंडिया फ्रॉड केस: तीन पर कार्रवाई के बाद ८ और अफसर संदेह के घेरे में

कानपुर। बैंक ऑफ इंडिया में ग्राहकों के खाते से चोरी हुए १.४१ करोड़ रुपए के मामले में अब जांच टीम ने आठ और अफसरों व कर्मचारियों की हैसियत की जांच शुरू की है। ये लोग इसी ब्रांच में तैनात रह चुके हैं। जांच अधिकारियों का दावा है कि यह घोटाला इन अफसरों के कार्यकाल से ही जारी था, इसलिए इसमें इन लोगों की भूमिका पर भी संदेह जताया गया है। जबकि शाखा प्रबंधक सहित तीन कर्मचारियों के खिलाफ पहले ही कार्रवाई की जा चुकी है।
महाराजपुर शाखा का मामला
बैंक आफ इंडिया की महाराजपुर शाखा में दिहाड़ी कर्मचारी पंकज कुमार गुप्ता ने ग्राहकों के खाते से 1.41 करोड़ रुपए का चूना लगाया था। यह खेल उसने बैंक अफसरों व कर्मचारियों की आईडी व पासवर्ड चुराकर किया। इस मामले के खुलासे के बाद भी मुख्यालय ने पहले केस दबाने का प्रयास किया लेकिन तूल पकडऩे पर जोनल आफिस के दो अधिकारियों को जांच की कमान दे दी गई। बाद में लखनऊ स्थित बैंक की विजिलेंस शाखा को भी घोटाले की जानकारी दी गई।
पूर्व अधिकारियों पर भी संदेह
इस मामले में पूर्व में तैनात रहे चार अधिकारी भी जांच के रडार में आ गए हैं। बैंक द्वारा की जा रही है आंतरिक जांच के अलावा विजिलेंस टीम ने बैंक के 12 अधिकारियों व स्टाफ की संपत्ति जांचने के निर्देश दिए हैं। इसमें वतर्मान बैंक मैनेजर, वर्तमान बैंक कैशियर, हेड क्लर्क सहिच छह लोगों का स्टाफ है। साथ ही छह अधिकारी और कर्मचारी और हैं, जो पहले इस ब्रांच में पोस्टेड रह चुके हैं। बैंक सूत्रों के मुताबिक निगरानी के दायरे में स्टाफ से उनका और उनके परिवार का वित्तीय ब्योरा मांगा गया है। बैंक खातों की संख्या, उनमें जमा रकम, पासबुक की कापियां, प्रापर्टी, ज्वैलरी, विदेश यात्राएं और महंगी शापिंग को जांच में शामिल किया गया है।
ऑडिटर की भूमिका पर भी सवाल
घोटाले का ये खेल कई साल से चल रहा था इसलिए आडिटर की भूमिका पर भी सवाल खड़े हुए हैं। बैंक के चीफ मैनेजर और एजीएम स्तर के अधिकारियों से भी पूछताछ की तैयारी की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक कड़ी से कड़ी जोडऩे के नाम पर आंतरिक जांच को जानबूझकर लंबा खींचा जा रहा है। पूरे खुलासे के बावजूद फाइनल रिपोर्ट नहीं तैयार की गई है। बैंक स्टाफ का कहना है कि वरिष्ठ अधिकारी अपनी गर्दन बचाने के लिए नया जाल बुन रहे हैं ताकि छोटे अफसर व कर्मचारियों पर ठीकरा फोडक़र अपना दामन बचाया जा सके। छानबीन में पता चला है कि जोनल आफिस के कुछ अधिकारियों को इस खेल की जानकारी थी लेकिन इसे दबाए रखा गया। संदेह है कि बरसों से चल रहे फ्राड के गोरखधंधे में जोनल कार्यालय के अधिकारी भी संलिप्त हैं।

Home / Kanpur / बैंक ऑफ इंडिया फ्रॉड केस: तीन पर कार्रवाई के बाद ८ और अफसर संदेह के घेरे में

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो